हिन्दी – संजीव प्रियदर्शी

सकल धरा का स्वर बनी जो,शब्द का विज्ञान हिन्दी है मातृ भाषा हम सबों की, राष्ट्र की पहचान हिन्दी वणिक चरवाहे शिक्षक मजूर, खेतों में किसान हिन्दी मातृभूमि पर मिटने…

हिन्दी राष्ट्र की भाषा है – रत्ना प्रिया

हिन्दी को नित पढ़ने की, पढ़ाने की अभिलाषा है | गर्व है हम भारतीयों को, हिन्दी राष्ट्र की भाषा है || उड़े गगन में दूर तलक, जमीं हमेशा याद रहे,…

कलयुगी लाल – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

बुढ़ापे की सहारा हेतु बहुत ही जतन से, संतान को बड़ा करें, लोग यहाँ पोस-पाल। जब रोजगार मिले, जीवन में कली खिले, बाहर जा बस जाता, अलग गलाता दाल। माता-पिता…

हिंदी की थाती – विनय विश्वा

हिंदी हिंदुस्तान की या हिंदुत्व या भाषा! जिसमें आशाएं बहुत हैं बशर्ते की वह ओढ़ा हुआ न हो उसका अपना स्वाभिमान हो अपनी तरह से जीने की कबीर,सांकृत्यायन,निराला, नागार्जुन की…

हिंदी है हमारी शान – एस.के.पूनम

अजर अमर शैली, भाषा है गौरवशाली, देवगण उवाचते,धरा पर पहचान। सरल सरस वाणी, अपनाया हर ज्ञानी, शब्दावली बना कर,पिरोया मधुर गान। अथाह सागर हिंदी, मिल रहा अधिगम, विस्तारित चहुंमुखी,जगत में…

हिंदी – स्नेहलता द्विवेदी

हिंदी ! सहज सृजन की कुंजी, भावगम्य मनमोहक पूंजी। सुरम्य गीत संगीत सुधारस तृप्ति, कथा पटकथा चलचित्र समग्र सृष्टि। हिंदी! स्वर व्यंजन वर्ण , शब्द विन्यास बहुरंग। सरल सुलेख्य सुपाठ्य,…

हिंदी भाषा – मनु रमण “चेतना “

हिंदी भाषा प्यारी लगे, सबसे ये न्यारी लगे, नानी की कहानी सुन,खुलता ये द्वार है। शब्द शक्ति खान यहांँ, गुण गाने जाएं कहांँ, मन मोहे मीठे बोल, भव्यता अपार है।…

हिन्दी ही पहचान है – भोला प्रसाद शर्मा

हिन्दी जगत का है इतिहास पर रोग लगा है अंग्रेजी खास ओके थैंकयूँ पर अधिक विश्वास शुभकामनाएं का न समय है पास मम्मी- डैडी मृत शब्द को बोले शुभ नाम…

देश भाल की मैं बिन्दी हूँ – मनु रमण “चेतना”

सुन लो बच्चों! मैं हिन्दी हूँ, देश-भाल की मैं बिन्दी हूँ । जीवन की नव परिभाषा हूँ, अपनेपन की जिज्ञासा हूँ। बँगला, गुर्जर या सिन्धी हूँ, देश-भाल की मैं बिन्दी…

हां, नारी हूं मैं – सुमन सौरभ

हां, नारी हूं मैं ना समझो मुझे तुम अबला, ना बेचारी हूं मैं, ममतामयी खुद्दार साहसी, सम्मान की अधिकारी हूं मैं। हां, नारी हूं मैं……. संभाली हूं हर ज़िम्मेदारी, ना…