संस्कृति का हर राज – एस.के.पूनम

मेहमान यहाँ आए, भारत गरिमामय, संसार ने देख लिया संस्कृति का हर राज। अनोखा है मंडपम, संगम अतिथियों का, दिप्तमान आवारण बजते मधुर साज। पकवान सजी थाल, पहुना मोहित देख,…

G -20 सम्मेलन – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

“बीस देश” समूह का सफल आयोजन से, दुनिया ने दम देखा आधुनिक भारत का। दुनिया के नेताओं ने- चखा मेहमानबाजी, भारत मंडपम में, नवीन इमारत का। आज हमारे देश का…

आयो कृष्ण कन्हाई – कुमकुम कुमारी ‘काव्याकृति”

भाद्रपद कृष्ण अष्टमी को, देवकीनंदन जन्म लिए हैं। कारागार के बंधन टूटे, द्वारपाल सब औंधे पड़े हैं। लेकर टोकरी में कान्हा को, देखो वासुदेव चल पड़े हैं। राह में काले-काले…

कृष्ण कन्हैया – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

भक्तों की पुकार सुन धरा-धाम पर आए, देवकी के पुत्र बन मेरे कृष्ण कन्हैया। दधी भी खिलाती रोज, लोरियाँ सुनती कभी, पालना झूलती तुझे, नित्य यशोदा मैया। यमुना के तट…

कलयुगी लाल – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

बुढ़ापे की सहारा हेतु बहुत ही जतन से, संतान को बड़ा करें, लोग यहाँ पोस-पाल। जब रोजगार मिले, जीवन में कली खिले, बाहर जा बस जाता, अलग गलाता दाल। माता-पिता…

कृष्ण गीता का ज्ञान है – नरेश कुमार निराला

कृष्ण गीता का सार है, कृष्ण कंस का संहार है। कृष्ण प्रचंड भद्र काल है, कृष्ण देवकी-यशोदा के लाल है।। कृष्ण जीवन का सार है, कृष्ण मधुरता की रसधार है।…

जग के पालनहार – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

जगत कल्याण हेतु- देवकी के घर आए, भाद्रपद अर्ध रात्रि, कृष्ण लिए अवतार। गोपियों के प्रेम वश- माखन चुराते रोज, यशोदा के पुत्र बने जग के पालनहार। लाज को बचाने…

नारायण करें काज – एस.के.पूनम

अंधकार कारावास, अनहोनी का आभास, तड़ित चमके नभ,नारायण करें काज। धरा ललायित सदा, प्रभु चरण चूम लूँ, समय के प्रवाह में,शीशु पग पड़े आज। ईश्वर की लीला देख, यमुना उफान…

हे गुरुदेव – संजय कुमार

अज्ञानरूपी तिमिर दूर कर हम ज्ञान की अलौकिक रश्मि फैलाएं, आइए हमसभी मिलकर फिर दिव्यज्ञान की एक दीप जलाएं। गुरु के ऋण को कहाँ कोई चुका पाया है गुरु अंधकूप…