महात्मा बुद्ध- जैनेन्द्र प्रसाद रवि

संसार से नेह तोड़, ईश्वर से नाता जोड़, सिद्धार्थ से बन गए, बुद्ध भगवान हैं। धूप – ताप सहकर, भूखा प्यासा रहकर, वैशाख पूर्णिमा दिन, पाए आत्मज्ञान हैं। लुंबिनी में…

मनहरण घनाक्षरी – देव कांत मिश्र ‘दिव्य’

शाक्य वंश जन्म लिए, सत्य धर्म भाव किए, तथागत बुद्ध हुए, कृतियाँ महान हैं। राजपाट त्याग कर, मूल कर्म झोली भर, ज्ञान बोधि वृक्ष पाए, दया के निधान हैं। जीव-…

सिद्धार्थ रोए थे- एस के.पूनम

🙏कृष्णाय नमः🙏 🌹विद्या:-कवित्त🌹 बुद्ध शुद्ध रूपमान, आते-जाते देखे प्राण, मौन व्रत रख कर,विचारों में खोए थे। हुए कई अवतार, ज्ञानवान करतार, दुखियों को देख कर,सिद्धार्थ रोए थे। प्रीत रीत छोड़…

मेहनत भेल हमर बेकार- नीतू रानी

मेहनत भेल हमर बेकार, ठंडी,गर्मी में खटबेलक बिहार सरकार मेहनत भेल——–2। ठंडी में केलौं हम जाति गणना भेलौं हम बीमार, डाॅक्टर सेअ देखेलौं पैसा खर्चा करलौं करलौं पच्चीस हजार ।…

कवित्त छंंद- एस.के.पूनम

घनघोर घटा छाई, बारिश की बूंदें लाई, धरा ताप भूल गई, देखे आसमान ये। घुमड़-घुमड़ कर, गगन में नाच कर, चमक गरज चले,आए मेहमान ये। नदी-नाले भरे जल, किसान चलावे…