संसार से नेह तोड़, ईश्वर से नाता जोड़, सिद्धार्थ से बन गए, बुद्ध भगवान हैं। धूप – ताप सहकर, भूखा प्यासा रहकर, वैशाख पूर्णिमा दिन, पाए आत्मज्ञान हैं। लुंबिनी में…
हाय हाय ये सरकार – निधि चौधरी
जातिगत गणना के….. .. सुन ल बयार हे.. ….. घर घर गइनी, आदमी गिननी, बीबी गिननी, बुतरू गिननी, गिननी मोटर कार। हाय हाय रे सरकार, अब त दे द पगार,…
मनहरण घनाक्षरी – देव कांत मिश्र ‘दिव्य’
शाक्य वंश जन्म लिए, सत्य धर्म भाव किए, तथागत बुद्ध हुए, कृतियाँ महान हैं। राजपाट त्याग कर, मूल कर्म झोली भर, ज्ञान बोधि वृक्ष पाए, दया के निधान हैं। जीव-…
सिद्धार्थ रोए थे- एस के.पूनम
🙏कृष्णाय नमः🙏 🌹विद्या:-कवित्त🌹 बुद्ध शुद्ध रूपमान, आते-जाते देखे प्राण, मौन व्रत रख कर,विचारों में खोए थे। हुए कई अवतार, ज्ञानवान करतार, दुखियों को देख कर,सिद्धार्थ रोए थे। प्रीत रीत छोड़…
मेहनत भेल हमर बेकार- नीतू रानी
मेहनत भेल हमर बेकार, ठंडी,गर्मी में खटबेलक बिहार सरकार मेहनत भेल——–2। ठंडी में केलौं हम जाति गणना भेलौं हम बीमार, डाॅक्टर सेअ देखेलौं पैसा खर्चा करलौं करलौं पच्चीस हजार ।…
सगुण छंद – सुधीर कुमार
मात्रा – 19 122 122 122 121 बहाओ सदा प्रेम भरकर समीर । मिटाओ अँधेरा गये कह कबीर ।। जलो दीप जैसा करो तुम प्रकाश । न टूटे कभी प्रेम…
जाति जनगणना गीत- नीतू रानी
जनगणना गीत हे बहिना जाय छी करै लय जाति जनगणना कार्य हे गरमी में सबके अंगना द्वार हे ना। जाय छी सबके अंगना द्वार लैछी सबकेअ नाम पुकार हे बहिना…
बारिश- जैनेन्द्र प्रसाद रवि
छाई घटा घनघोर, जंगल में नाचे मोर, श्याम धन संग-संग, झूमे आसमान ये। बागों में बहार आई, तितली भी इठलाई, बारिश की बूंदे साथ, कोयल की तान ये। दिल में…
कवित्त छंंद- एस.के.पूनम
घनघोर घटा छाई, बारिश की बूंदें लाई, धरा ताप भूल गई, देखे आसमान ये। घुमड़-घुमड़ कर, गगन में नाच कर, चमक गरज चले,आए मेहमान ये। नदी-नाले भरे जल, किसान चलावे…
मैं तैयार हूं -जयकृष्णा पासवान
कितने ज़ख्म सहे हैं हमने, छांव छोड़कर धूप खाये है हमने। “अपमान की आग से ” झुलसा है बदन मेरा।। “परीक्षाओं से निखरा है ” चमन मेरा। “ललाट के चमक…