समय का रजत रथ नित नवीन रश्मियों से युक्त बढता जाता। जब आता परीक्षा का समय तब छूट जाता हमारा जग से नाता। मम्मी-पापा पढाई करने को प्रेरित कर अनुशासन…
मां की विवशता- दया शंकर गुप्ता
आइए करें एक विचार, क्या मिला है अब भी, माताओं को उचित सत्कार? जेहन में आता है घटना बार बार, जा रहा था बस से मै बाजार, अचानक एक नवजात…
एकावली- सुधीर कुमार
एकावली मात्रा — १० यति — ५,५ अंत — दीर्घ २१२ , २१२ राम का , नाम ले । सुबह ले , शाम ले ।। ध्यान हम , सब धरें…
भीमराव- नीतू रानी
विषय -छुआछूत भारत के ये वीर सपूत, जिसने मिटाया छुआछूत। रामजी मालोजी सकपाल के थे सुपुत्र भीमाबाई के थे चौदहवीं पुत्र। गरीब परिवार में लिए अवतार, व्यक्तियों में बन गए…
वीर सपूत अंबेडकर- रत्ना प्रिया
संविधान की धाराओं में , प्रेरणा नवनिर्माण है , अंबेडकर जैसा वीर सपूत , भारत का अभिमान है | जाति-प्रथा, भेद-भाव के दंश विष को पीने को , नन्हा, कोमल…
बैशाखी- जैनेन्द्र प्रसाद रवि
बरसों बाद फिर आई रुत ये बहार के, शुभ घड़ी आई, दिन बीते इंतजार के। फसलें तैयार हुईं देखो मन मोहते, कटने किसान हाथ अब बाट जो होते। पक गए…
प्यारे बच्चे- जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
मनहरण घनाक्षरी छंद जगत से न्यारा रूप, ढ़ल जाते अनुरूप, बनकर चितचोर, सबको लुभाता है। पल में ही रूठ जाता, तुरत ही मान जाता, चंचल निश्चल छवि, रोते को हँसाता…
दुष्ट व्यक्ति- नीतू रानी
दुष्ट ,बेईमान व्यक्ति से बचकर रहना मेरे भाय, दूसरे का धन लूटकर धनी आज कहलाय। ऊपर से उजला दिखता अंदर भरा है मैल, छिपकली जैसे रंग बदलता ऐसा खेलता वह…
पुण्य तिथि- नीतू रानी
आज पुण्य तिथि पर रेणु जी को करते हैं हम सब शत्- शत् नमन, और हमारे आदरणीय लेखक कविगण उनपर कर रहे माल्यार्पण। गाँव इनका औराही हिंगना जिला इनका अररिया…
आलस्य से मुंह मोड़ो- जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
पक्षियों ने छेड़े राग, प्यारे बच्चों जाओ जाग, भोर की सुहानी बेला, स्वच्छ आसमान है। अब तो विस्तर छोड़ो, आलस से मुंह मोडो, आराम है बड़ा रोग, कहता किसान है।…