आप संग रहें -रामकिशोर पाठक

Ram Kishore Pathak

आप संग रहे- छंद वार्णिक
२१२-११२, २२१-२१

अंग-अंग कहे, पाया निखार।
आप संग रहे, भाया विचार।।

भूल चूक किया, स्वीकार नित्य।
नेह युक्त अदा, आभार कृत्य।
चाहते हम है, लाना सुधार।
आप संग रहे, भाया विचार।।०१।।

अंश दंश लिया, चित्कार भाव।
क्षुब्ध जीवन में, आसान घाव।।
लो विनोद करे, आया खुमार।
आप संग रहे, भाया विचार।।०२।।

रूप रंग सजा, देखो कमाल।
प्रीत आज करे, छोड़ो सवाल।।
सौम्यता गहिए, छाया विहार।
आप संग रहे, भाया विचार।।०३।।

गीतकार:- राम किशोर पाठक
प्रधान शिक्षक
प्राथमिक विद्यालय कालीगंज उत्तर टोला, बिहटा, पटना, बिहार।
संपर्क – 9835232978

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