संविधान दिवस-कुमकुम कुमारी “काव्याकृति”

Kumkum

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संविधान दिवस

हमारा भारत देश था बड़ा परेशान,
अंग्रेजों ने किया था बड़ा नुकसान।
भारतीयों ने तब मन में लिया था ठान,
देश को स्वतंत्र कराने में लगा देंगे अपनी जान।

अंग्रेजों को देश से भगाना है,
भारत को स्वतंत्र राष्ट्र बनाना है।
फिर सब ने मिलकर खूब जोर लगाया,
15 अगस्त 1947 को वो सुअवसर आया।

अंग्रेजी शासन का हो चुका था अंत,
हमारा प्यारा भारत अब न रहा परतंत्र।
बड़े शान से हमारा तिरंगा लहराया,
विश्व क्षितिज पर भारत स्वतंत्र राष्ट्र बन आया।

भारतीयों को करना था अब बड़ा काम,
अपने लिए बनाना था अपना संविधान।
डॉ राजेंद्र प्रसाद की अध्यक्षता में हुआ यह शुभ काम,
हमारे बुद्धिजीवियों ने इसे बनाने में दिया अपना योगदान।

डॉ अम्बेडकर के अथक प्रयास से,
संविधान का स्वरूप हुआ साकार।
2 वर्ष 11 महीने और 18 दिन के अथक परिश्रम से लिया इसने आकार।

26 नवम्बर 1949 का वह शुभ दिन आया,
जब संविधान सभा ने औपचारिक रूप से इसे अपनाया।
भारत अब बन चुका है गणराज्य,
जहाँ है हम भारतीयों का राज।

26 नवम्बर को हम संविधान दिवस
के रूप में मनाते हैं।
संविधान को हम अपने हृदय में वसाते हैं।
संविधान को हम अपने हृदय में वसाते हैं।
जय हिंद जय भारत🙏

कुमकुम कुमारी “काव्याकृति”
शिक्षिका
मध्य विद्यालय, बांक जमालपुर

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