मैं खुश हूं कि क्योंकि मैं थोड़ा बहुत कमा लेता हूं, यानि बेरोजगार तो नहीं हूं , जो बेरोजगार लोग होंगे उनका जीवन यापन कितनी कठिनाई से गुजरती होगी। मैं…
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प्रेम-दीप – रंजीत कुशवाहा
चलो प्रेम के दीप जलाएं। भेदभाव को दूर भगाएं। ****** मानव में क्यों द्वेष आज है। खंडित होता क्यों समाज है। आओ गीत मिलन के गाएं। चलो प्रेम के दीप…