विषय – पृथ्वी दिवस
छंद – कुण्डलिया
पृथ्वी दिवस मनाइए, करिए सदा विचार।
फैल रहे प्रदूषण का, करना कम रफ्तार।।
करना कम रफ्तार, सदा बढ़ते हैं जाना।
अधिक लगाकर पेड़, पर्यावरण को बचाना।।
निर्मल हो हर धार, कलरव करती जाह्नवी।
हरा-भरा संसार, रहे सुंदर सी पृथ्वी।।
पृथ्वी दिवस मनाइए, करिए सदा विचार।
रचयिता: राम किशोर पाठक
प्रा. वि. भेड़हरिया, इंग्लिश पालीगंज, पटना
0 Likes