खुशियाँ न देना तू इतनी प्रभु
कि दुखियों के गम पर हँसने लगूँ
ऊँचाई न देना तू इतना प्रभु
कि धरती मुझे नीची लगने लगे
शक्ति भी इतना न देना प्रभु
कि दुर्बल को मैं सताने लगूँ
भाव ऐसा न मुझको देना प्रभु
कि दूसरों की खुशियों से जलने लगूँ
तू ज्ञान ऐसा न देना प्रभु
कि अभिमान मन में आने लगे
पनपे न मन में लालच मेरे
कि लोगों को मैं भी ठगने लगूँ
देना तू मुझको भक्ति प्रभु
कि दीनों की सेवा मैं करने लगूँ
माँगू मैं तुमसे बस इतना प्रभु
स्मरण तुम्हारी हमेशा रहे और
भक्ति में मन को समर्पित करुँ ।
भक्ति में मन को समर्पित करुँ I
संजय कुमार
जिला शिक्षा पदाधिकारी
अररिया
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