आओ सीखें-गिरिधर कुमार

Giridhar


आओ सीखें
प्यार जताना
मिलकर चलना
मिलकर रहना

आओ सीखें
तूफानों में
कैसे चलना
कैसे लड़ना

भरी हुई दरिया
में कश्ती
कैसे पार लगेगी बोलो
आओ सीखें
इस मौके पर
साहस के सुंदर
गीत जुटाना

आओ सीखें
नहीं प्रबल कुछ
मन में बसी जब जीत है
हर राह आसान है
यह भाव बहुत अजित है

आओ सीखें
प्यार जताना
हर किसी में अपना पाना
परोपकार को मन्त्र बनाना
अपने हिस्से में
खुश रह पाना

आओ सीखें
की करें प्रार्थना
मन विमल हो
सामर्थ्य बढ़े
सर्वहित का लक्ष्य हो सपना
यही मन में बस भाव गढ़े

आओ सीखें
बढ़े चलें हम
जीवन अपना सफल करें
मेहनत की रोटी
काफी हो
दिव्य जीवंत
व्यक्तित्व बनें

आओ सीखें
दीपक बनना
जो अंधेरा हरता है
ओह अंधेरा बहुत है भाई
कहाँ किसी से कहता है!

आओ सीखें
बस यही
जीवन का संकल्प करें
बस जोश,जीत रचा हो मन में
सुंदरतम विश्वास गहें!

-गिरिधर कुमार,crcc, crc मवि बैरिया,अमदाबाद, कटिहार

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