गज़ल – विनय कुमार ‘ओज

Vinay

चाँद की भूमि पर यान भारत का है,
छू लिया है गगन मान भारत का है। |1|

चाँद पर हैं लिखे गीत कवि- कल्पना,
“चाँद मुठ्ठी में” नवगान भारत का है। |2|

विश्व कल्याण का ध्येय लेकर चला,
चाँद उतरा वो प्रज्ञान भारत का है। |3|

त्याग, धुन और तप जब जुड़े है यहाँ,
हो विलय नव सृजित ज्ञान भारत का है। |4|

हम सबल और सक्षम जगत में बने,
अब इसी ओर नित ध्यान भारत का है। |5|

जो पुराणों में,वेदों, महाकाव्य में,
बन गई ख़ोज विज्ञान भारत का है। |6|

ओज करता नमन तुम्हें वैज्ञानिको!
तुमसे ही व्योम-अरमान भारत का है। |7|

विनय कुमार ‘ओज’©
आदर्श मध्य विद्यालय अईमा
प्रखण्ड-खिजरसराय
जिला- गया

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