तू हीं जग के मालिक – अमरनाथ त्रिवेदी

Amarnath Trivedi

तू ही जग के मालिक

तू  ही  जग के नैया ,
तुम्हीं    हो   खेवैया ।
तुम्हीं जग के मालिक ,
तुम्हीं   रास   रचैया ।।

मेरे  प्राण  भी  तुम्ही हो ,
शक्ति के  तुम हो दाता ।
हर  सृष्टि के  नियामक ,
तू   ही  जग    विधाता ।।

अपनी  शरण में  ले   लो ,
सबकी आस भी तुम्ही हो ।
सबके नयनों की तू ज्योति ,
सबके पास भी  तुम्ही   हों।।

जहाँ तक  दृष्टि  जाए ,
सब सृष्टि   है तुम्हारी ।
हमें    तुम अपना लो ,
ऐसी विनती है हमारी ।।

जीवन दिए हो मालिक ,
तुम्हीं    बचानेवाले ।
तेरा आस है  हर इक  पल ,
तुम्हीं जीवन चलानेवाले ।।

हम तुम्हारा नाम लेकर ,
खुशियों  को  हैं   पाते ।
तुम्हारी मर्जी के बिना ,
कभी पत्ते न हिल पाते ।।

जीवन की गति  तुम्हीं   हों,
जानते   जीवन के भेद सारे ।
तुम्हीं  हो   सबके   मालिक ,
हो   सबके   तुम्हीं   सहारे ।।

मिलती   नहीं  खुशी  भी ,
बिन  एक   क्षण  तुम्हारे ।
सब  काम  तुम्हीं हो करते ,
सुख   के  लिए   हमारे ।।

अमरनाथ त्रिवेदी
पूर्व प्रधानाध्यापक
उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बैंगरा
प्रखंड  बंदरा ,  जिला मुजफ्फरपुर

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