मैंने मानी पापा की बात,
जो दाँत दर्द से पाई निजात।
बहुत जोड़ से उठा दाँतों में दर्द
लगता था जाएँगे अब हम मर,
खाए हम अपने मन से दवा
लेकिन दर्द ठीक नहीं हुआ।
एक दिन शाम को उठा बहुत जोड़ों का दर्द
पटापट खाई तीन दवा ,
एक घंटे तक रोए खूब
तब दवा किया फायदा।
फिर चार रोज बाद पौने बारह बजे रात
उठा फिर दाँत में दर्द,
कितनों खाई दवा नहीं किया फायदा।
ले गया भाई सरकारी हाॅस्पिटल
लगाया दर्द का तीन सुई जबरदस्त,
दस मिनट बाद हुआ दर्द आराम
एक बजे रात को आई अपना घर।
फिर सुबह दाँत दर्द से परेशान
दौड़कर गई डाॅक्टर के निज धाम,
डाॅक्टर साहब कराए जाँच- फाँच
तब भी दर्द छुटने का नहीं ले रहा नाम।
दिन खाते दवा चार घंटे मिलता आराम
फिर रात दस बजे खाते दवा,
दो बजे तक आराम
फिर दर्द से परेशान।
एक रोज पापा को दाँत दर्द के बारे में बताई
पापा ने झट से बोलो मेरे पास है इसका रामबाण दवाई,
बोले नमक, तेल,हल्दी से दांत करो साफ
मर जाएगा दाँत दर्द का बाप।
मैं एक महीने से खूब खाई दाँत दर्द की पावर वाली दवा
लेकिन ठीक नहीं हुआ,
सोची करती हूँ पापा की कहे बात
देखती हूँ दर्द से होती है न निजात।
झट से ली हल्दी,नमक,तेल अपने हाथ
अपने उंगलियों से की दाँत साफ
एक मिनट के अंदर पाई दाँत दर्द से निजात
उस दिनों से मैं हल्दी, नमक,तेल
से हीं करती हूँ दाँत साफ।
मर गया दाँत दर्द का बाप
सही कहे थे पापा आप,
मैंने मानी आपका कहना
तब पाई मैं दर्द से निजात।
नीतू रानी
स्कूल -म०वि०सुरीगाँव
प्रखंड -बायसी
जिला -पूर्णियाँ बिहार।