नूतन वर्ष – अशोक कुमार

Ashok

नूतन वर्ष की पावन बेला,
खुशियों का अलबेला,
सारे शिकवे भूले,
आओ हम सब गले मिलें||

अग्रिम पथ पर बढ़ चलें,
राह मुश्किल बहुत है,
संभल संभल कर चलें,
कभी खुशी तो कभी गम मिले||

कहीं पर्वत तो कहीं खाई मिले,
कभी संगत तो कभी जुदाई मिले,
पग पग बढ़ते कदम चले,
जीवन निर्मल स्वच्छ बनें||

अशोक कुमार
न्यू प्राथमिक विद्यालय भटवलिया नुआव कैमुर

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