राष्ट्र गान हम गाएँ – मुक्तामणि छंद गीत
बच्चों में उत्साह को, भरने आगे आएँ।
मन हर्षित हो झूम ले, राष्ट्र गान हम गाएँ।।
आजादी के पर्व को, हम-सब आज मनाते।
वीरों के बलिदान को, सबको है बतलाते।।
सोने की चिड़ियाँ यहाँ, कैसे दिन बितायी।
पैरों में बेड़ी लिए, रहती शीश झुकायी।।
आज दिवस नव भोर की, सबको यह बतलाएँ।
मन हर्षित हो झूम ले, राष्ट्र गान हम गाएँ।।०१।।
हम-सब तो आजाद हैं, शीश दिएँ बलिदानी।
लाखों के निकले प्राण थे, सुन लो जरा कहानी।।
शान तिरंगा का रहें, अक्षुण्ण राजधानी।
आसमान में रह सके, अपनी अमिट निशानी।।
प्रहरी कल के हो तुम्ही, सबको बोध कराएँ।
मन हर्षित हो झूम ले, राष्ट्र गान हम गाएँ।।०२।।
पौरुष केशर सा रहे, दुश्मन भी थर्राए।
आए कैसी भी घड़ी, हिम्मत हम दिखलाए।।
कोई सरहद पर नजर, अपनी नहीं उठाए।
भारत ऐसी फिर बनें, जग को राह दिखाए।।
राष्ट्र भक्ति की गीत से, “पाठक” मीत बनाएँ।
मन हर्षित हो झूम ले, राष्ट्र गान हम गाएँ।।०३।।
गीतकार:- राम किशोर पाठक
प्रधान शिक्षक
प्राथमिक विद्यालय कालीगंज उत्तर टोला, बिहटा, पटना , बिहार।
संपर्क – 9835232978
