लक्ष्य और दिशा- गिरीन्द्र मोहन झा

लक्ष्य से अधिक है दिशा महत्त्वपूर्ण,
सही दिशा में सतत करते रहो प्रयास,
यदि दिशा सही हो, तो तू अगर नहीं,
कोई और पीढ़ी जाएगी लक्ष्य के पास,
इतना ही कहूँ सही दिशा से कभी नहीं भटकना,
सोचकर जब निर्णय लो, पलट-पलट कर मत देखना ।
गिरीन्द्र मोहन झा, +2शिक्षक, +2भागीरथ उच्च विद्यालय, चैनपुर-पड़री, सहरसा

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