विश्व चेतना के दिग्गजों में,
जिनका नाम शुमार है।
वे भारत के सर्वोच्च अवधूत,
उनकी कीर्ति अपरम्पार है।।
बचपन में जिनका नाम नरेंद्र,
वे प्रतिभा के आगार थे।
जिनकी वाणी में ओज की गंगा ,
तीक्ष्ण बुद्धि के परमाग़ार थे।।
भारत के ऐसे यशस्वी संन्यासी,
जो निज कर्मों के लिए नूर थे।
अखंड विश्व के धरातल पर ,
सचमुच वे बहुत मशहूर थे।
परमहंस को जिन्होंने गुरु बनाया,
स्वजीवन परमार्थ लगाया।
विश्व मंच पर अलख जगाकर,
हिंदू धर्मों का मान बढ़ाया।
कोटि कोटि नमन करूँ उनको,
जो देव कोटि अवतार थे।
लोक कल्याणार्थ समर्पित जीवन,
शुभ संस्कृति के भी आगार थे।।
सुदूर शिकागो में जाकर,
विश्व मंच पर लोहा मनवाया था।
विश्व हित में बने अवधूत ने,
सचमुच अपना पांडित्य झलकाया था।।
जब हुआ जयघोष शिकागो में,
तब भारत का मान बढ़ाया था।
इस विश्व हिंदू धर्म सम्मेलन में ,
मिट्टी का भी मान चमकाया था।।
जो अल्प वय में किया अवधूत ने,
उनके समक्ष हजारों शतायु भी बेकार हैं।
जैसे एक चन्द्र की ज्योति प्रभा से,
हजारों नक्षत्रमणि बेअसरदार हैं।।
अमरनाथ त्रिवेदी
पूर्व प्रधानाध्यापक
उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बैंगरा
प्रखंड- बंदरा , जिला- मुजफ्फरपुर