सच हो जाएँ सारे सपने – राम किशोर पाठक

सच हो जाएँ सारे सपने

मुस्कान सजाकर होंठों पर,
हरपल को जीना हम सीखें।
आओं अपने कर्मों से अब,
हम-सब अपनी किस्मत लिखें।।

कुछ सीख पुरानी भी लेना है,
कुछ समय हमें सिखलाएगा।
आशा की किरणें फैलाओ,
मंजिल कदमों में आएगा।।

शिक्षा है अधिकार तुम्हारा,
जिसको पाकर दिखलाना है।
जीवन में भरता रंग यही है,
औरों को भी बतलाना है।।

तुमसे आशा रखती दुनिया,
हताशा तुमको मिटाना है।
बच्चे हैं आधार देश के,
साबित करके दिखलाना है।।

उड़ना ऊँचे आसमान में,
छूकर फलक तुम्हे आना है।
दुनिया में सबसे अच्छा तो,
भारत को हीं बतलाना है।।

जलकर सूरज सा नभ में हीं,
रौशन करना जग को अपने।
आज अभी से शुरू करो तो,
सच हो जाएँ सारे सपने।।

रचयिता:- राम किशोर पाठक
प्रधान शिक्षक, प्राथमिक विद्यालय कालीगंज उत्तर टोला, बिहटा, पटना, बिहार।
संपर्क – 9835232978

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