स्वर्ग नर्क कहीं और नहीं- नीतू रानी

Nitu

स्वर्ग नरक कहीं और नहीं
है इसी पृथ्वी पर सब,
बैठके थोड़ा सोचिए
जब समय मिलता है तब।

  1. इसी पृथ्वी पर जन्म लिए
    ऋषि मुनि‌और संत।
    राम, कृष्ण, माँ पार्वती
    और कई भगवंत।

जिसको दुख है खाने- पीने का
नहीं रहने का मकान,
और जो है बीमारी से पीड़ित
उसी को कहते नरक का धाम।

जिसको है एक मंजिल
और तीन चार मंजिल मकान,
खाने -पीने में सुखी संपन्न
और आठ – दस दुकान।

दरवाजे पर खड़ी रहती है
दो चार पहिए की गाड़ी,
उसी को हम कहते हैं
देखो ये हैं स्वर्ग में भाई।

मरकर लोग नहीं ऊपर जाता
सभी मरकर इसी मृत्यु लोक में आता ,
चाहे वह मनुष्य हो या जानवर
सभी अपने कर्मों का फल पाता।

कभी कीट कभी फतिंगा
कभी साँप बिच्छू में जाता,
अपने कर्म फल के अनुसार
चौरासी लाख योनियों को पाता।

लोग कहते ऊपर स्वर्ग है
ऊपर हीं है नर्क,
लेकिन ऐसा कुछ नहीं
ऊपर तो है शून्य महल।

ईश्वर कभी नहीं देते
बुरे कर्मों का फल,
जो जैसा कर्म है करता
उसको वैसा हीं मिलता फल।

इसी धरती पर स्वर्ग है
नर्क के हैं बहुत द्वार,
अच्छे कर्म करने वाले
जाते हैं प्रभु द्वार।

यदि जाना चाहते हैं
आप प्रभु के द्वार,
तो अभी से करना शुरू करो
पाप छोड़ सत्य व्यवहार।

सच्चे संतों का संग करना
आएगा मन में सत्य विचार,
अपने घर में हीं रहकर
करना सबका उपकार।

ऐसा करने से कभी
न दिखेगा नर्क का द्वार,
कृपा रहेगी ईश्वर की
उतरोगे भव जल पार।

आज है स्वामी विवेकानंद
जी का जन्म दिवस,
उनकी कही हुई वाणी
क्या होती थी जबरदस्त।

नीतू रानी
स्कूल -म०वि०सुरीगाँव
प्रखंड -बायसी
जिला -पूर्णियाँ बिहार।

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