दीपक बनकर अँधियारों को हरने वाले शिक्षक हैं हर बच्चे का जीवन रौशन करने वाले शिक्षक हैं वरना तो वंचित रह जाते कितने बच्चे शिक्षा से बच्चों का दामन शिक्षा…
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Through Padyapankaj, Teachers Of Bihar give you the chance to read and understand the poems and padya of Hindi literature. In addition, you can appreciate different tastes of poetry, including veer, Prem, Raudra, Karuna, etc.
हम शिक्षक हैं राष्ट्र निर्माता- मृत्युंजय कुमार
हम शिक्षक हैं राष्ट्र निर्माता, बच्चों के हैं भाग्य विधाता। बच्चों को देते शिक्षा,संस्कार और अनुशासन का ज्ञान, हम शिक्षक बनाते उनका जीवन मूल्यवान। पढ़-लिखकर ये बच्चे बनेंगे महान, तभी…
लड्डू- रीतु प्रज्ञा
गोल-गोल लड्डू, खूब खाता गुड्डू । खाता चार-चार, खाता बार-बार, फिर भी ललचाए, छुप कर वो खाए। गोल-गोल लड्डू, खूब खाता गुड्डू। आठ-आठ खाया, दर्द उसे रूलाया। पास मांँ के…
गाय हमारी संस्कृति की धरोहर- अंजू कुमारी
गाय हमारी संस्कृति की धरोहर, गाय हमारी पालनहार। देती दूध अमृत के जैसा, भर देती घर में प्यार अपार। गाय हमें देती है गोबर, गोबर से बनती खाद महान। खाद…
चुनावी जुमले बाज़ी – जैनेन्द्र प्रसाद ‘रवि’
चुनावी जुमले बाज़ी जैनेन्द्र प्रसाद ‘रवि’ जंगल राज कह कर सबको डराते हैं, विकास-भ्रष्टाचार के, मूद्दे हुए गौण है। युवाओं का पलायन,रोके नहीं रूक रहा, मंहगाई के नाम…
आमोद हारी मुरारी- सर्वगामी/ अग्र सवैया छंद – राम किशोर पाठक
आमोद हारी मुरारी- सर्वगामी/ अग्र सवैया छंद – राम किशोर पाठक आमोद हारी मुरारी सुनो भक्त का, भक्त तेरा तुझे ही पुकारा। राधा बिहारी धरूँ ध्यान तेरी सदा,…
राष्ट्रीय एकता दिवस – राम किशोर पाठक
राष्ट्रीय एकता दिवस दिवस राष्ट्रीय एकता वाला। लेकर समरसता का माला।। आओ इसकी कथा सुनाएँ। सरदार पटेल से मिलवाएँ।। जन्म दिवस उनका है आज। संघटित भारत करने का काज।।…
बारिश और पकौड़े : बाल कविता – अवधेश कुमार
बारिश और पकौड़े : बाल कविता – अवधेश कुमार बाहर हो रही थी झमाझम बारिश, मन मे हो रही थी पकौड़े की ख्वाहिश। डर लग रहा था कैसे कहूँ…
चौसर – रुचिका
चौसर जिंदगी के चौसर पर हम रहेंबस एक मोहरेंचाल ऊपर वाला चलता रहा।कभी शह, कभी मात वह देताऔर दर्प इंसानों के मन मेंबढ़ता रहा। जिंदगी के चौसर पर हम रहेंबस…
शरद पूर्णिमा – गिरीन्द्र मोहन झा
शरद पूर्णिमा की रात सुहावन, है अति मनभावन, चंद्रमा की चांदनी, उजाला, शीतलता, है अति पावन, चंद्रदेव अमृत-वृष्टि हैं कर रहे, माँ लक्ष्मी का पूजन-अर्चन, कुलदेवी को प्रणाम निवेदित, पान-मखान…