छठ व्रत का विधान – रामकिशोर पाठक

  चार दिनों का यह अनुष्ठान आस्था का यह व्रत महान। करते इसको विधि विधान होता जिससे जन कल्याण।। प्रत्यक्ष जगत में है भगवान हरपल उर्जा जो करते प्रदान। मिलता…

नित दिन प्रातः आता सूरज- संजय कुमार

नित दिन प्रातः आता सूरज नित नया सिखलाता है। नित सवेरे आकर कहता, नया जीवन ही जग पाता है।। कहता है यह नित दिन आकर मृत्यु क्षय नहीं प्रकृति में…

शान निराली छठ व्रत की – अमरनाथ त्रिवेदी

छठ व्रत  की शान निराली, महापर्व की शोभा न्यारी। हम बच्चों को खुशी देनेवाली, अनुपम दृश्य लगती बड़ी प्यारी। व्रती वंश  की कामना रखती, इस व्रत में  यह ध्यान है…

दीपों ने किया उजाला है – रामपाल सिंह ‘अनजान’

गाॅंव छोड़ बाहर देखा धरती अंबर काला है। तब जाना इन दीपों ने, कितना किया उजाला है।। आज कहाॅं बल तम के बाजू में, कुछ भी नहीं निशानी है। हार-जीत…

एक दीप इनके नाम – संजय कुमार

आइए, जलाते हैं एक दीप अपने माता-पिता की लम्बी आयु के लिए, जिन्होंने हम सबको सुंदर संस्कार दिए। आइए, जलाते हैं एक दीप अपने गुरुजनों के लिए, जो अच्छी शिक्षा…

आओ सब मिल दीप जलाएँ- संजीव प्रियदर्शी

  आओ सब मिल दीप जलाएँ नाचें- गाएँ खुशी मनाएँ। मन के भीतर का अँधियारा, भव भय भ्रम सब दूर भगाएँ।। आओ सब मिल दीप जलाएँ। झिलमिल-झिलमिल दीपक भाते गेह-द्वार…

पावन शरद ऋतु – अमरनाथ त्रिवेदी

पावन शरद ऋतु की बहुत बड़ाई , सबके चित्त  नित  परम  सुहाई । आश्विन, कार्तिक होते अति  पावन, दिल  को  लगते  हैं  अति  भावन। पर्वों  का   यह   पवित्र   महीना, नित …