करवा चौथ- रत्ना प्रिया

सुख, समृद्धि, सौभाग्ययुक्त यह करवा-चौथ त्यौहार है, दांपत्य के मधुर प्रेम का, प्रेम पूर्वक उपहार है। गणेश, गौरी का पूजन करके, रजनीपति को ध्यायें हम, विघ्नहर्ता को शीश झुकाकर सुख-सौभाग्य…

सत्प्रवृत्ति के सोपान – अमरनाथ त्रिवेदी

कर्त्तव्य हमारे  ऐसे  हों नित , जहाँ मन की मलिनता न छाए। सदुपयोग, अधिकार का ऐसे करें , जहाँ अहंकार तनिक भी न आए। परहित धर्म कभी न छोड़ें ,…

कहतीं रहीं अम्मा – स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्या’

  तुम हाथ साफ रखना, यह कहतीं रहीं अम्मा, स्नान- ध्यान करना, कहतीं रहीं अम्मा। अब आ गया जमाना हम भूल गए थे, वो सब बड़ी शिद्दत से, कहतीं रहीं…

जीवन के रास्ते – रूचिका

  अँधेरी रात के बाद आती उम्मीदों भरी सुबह, हर हाल में जीवन के तू सदा मुस्कुराता रह, वक़्त का पहिया अनवरत घूमता रहता है, किंतु-परंतु छोड़ अपनी बातों को…