वीर सिपाही बहना का भाई- कंचन प्रभा

Kanchan

इस देश का जो भी वीर सिपाही है।

वो इस देश के हर बहना का भाई है।

दुश्मन की गोली जो सीने पर खाता है।

लड़ते लड़ते वह शहीद हो जाता है।

फिर भी दुश्मन को सीमा के अंदर आने की मनाही है।

वो इस देश के हर बहना का भाई है।

जब बहना राखी पर अपना प्यार लुटाती है,

तब सीमा पर हर वीरों की आँखे भर जाती है।

सैनिको ने अपने मातृभूमि की हमेशा सुरक्षा चाही है।

वो इस देश के हर बहना का भाई है।

माँ पिता के इज्जत का वो सरताज है।

बहना के हर खुशियों का एकमात्र ये राज है।

नील गगन से उतरा हुआ एक चमकता हुआ राही है।

वो इस देश के हर बहना का भाई है।

इस देश का जो भी वीर सिपाही है।

वो इस देश के हर बहना का भाई है।

कंचन प्रभा
विद्यालय- रा0मध्य विद्यालय गौसाघाट,सदर, दरभंगा

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