गाँधी शास्त्री थें भारत के लाल।
जन्में दोनों सुंदर देश विशाल।।
अपने कर्मो से हरपल विख्यात।
धन्य हुई दोनों से भारत मात।।
सत्य अहिंसा दोनों के ही हाथ।
जन जीवन हर्षित करने में साथ।।
जीवन दोनों संग बिताए त्याग।
मन में लेकर भारत का अनुराग।।
जीवन सादा दोनों के ही संग।
जन मानस में भरते दोनों रंग।।
दोनों ही थें दृढ़ निश्चय के ईश।
दोनों के सन्मुख झुकता है शीश।।
आज मनाता देश जयंती पर्व।
ऐसे नेता पर हमको है गर्व।।
आओ श्रद्धा सुमन चढ़ाए आज।
पदचिन्हों पर चलकर करना काज।।
रचयिता:- राम किशोर पाठक
प्रधान शिक्षक
प्राथमिक विद्यालय कालीगंज उत्तर टोला बिहटा
पटना, बिहार।
संपर्क – 9835232978
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