नन्हें-मुन्हें बच्चों में शिक्षा का अलख जगाना है। राष्ट्र- निर्माता होने का अपना फर्ज निभाना है।। समाज के दबे-पिछड़ों को शिक्षा का महत्व बताना है। कुशल शिक्षक होने का अपना…
Author: Anupama Priyadarshini
आलोचना एवं समालोचना – सुरेश कुमार गौरव
आलोचना सत्य हो, रहे उचित आधार, मन को चोट दे नहीं, बोले मधुर विचार। कटु वाणी की धार से, न टूटे मनहार, शब्द वही संजीवनी, जिससे हो उपकार। कहना सबको…
आदमी और जंगल- संजय कुमार
बूढ़ा बरगद रो-रोकर, यूं मुझसे कहने लगा! क्या बिगाड़ा था? क्या बिगाड़ा था हमने? कि तुम और तुम्हारी जात ने, विकास का नाम दिया, हमसे और हमारी जात से, यूं…
टीचर्स ऑफ बिहार- नूतन कुमारी
व्याख्या कैसे करुँ तेरा, विस्तार तेरा है सीमित नहीं। टीओबी है टीम अनूठा, उदाहरण से वर्णन किंचित नहीं।। पद्य पंकज और गद्य गुंजन से, हर रोज सजे इसकी बगियाँ। दिवस…
हस्त प्रक्षालनम्- राम किशोर पाठक
हस्त प्रक्षालनम्, हस्त प्रक्षालनम्! फेनकम्, घर्षणम्, हस्तौ घर्षणम्। हस्तयो: पृष्टाभ्याम् घर्षणम्।। अंगुल ग्रास घर्षणम्। जलेन सर्व प्रक्षालनम्! हस्त प्रक्षालनम्! पूर्वे भोजनाम्, क्रीड़ा उपरांतम्। शौचोपरांतम्। पूर्वे नासा चक्षु स्पर्शणम्। पूर्वे श्रवण…
शिक्षक ज्ञान के दीपक -अमरनाथ त्रिवेदी
हम शिक्षक ज्ञान के दीपक हैं , सदा ज्ञान का प्रकाश फैलाते। कथनी करनी में भेद नहीं , जीवन का यही राग सुनाते।। बच्चों के सुनहरे सपने को , हम…
माँ सम्पूर्ण ब्रह्म -स्नेहलता द्विवेदी “आर्या
माँ! शब्द नही ब्रह्म! संतति का सर्वस्व! निर्मल मोहक सौंदर्य! माँ! अद्भुत आनंद! धरा का स्वर्ग। सृष्टि में अतुल्य! माँ! सहती पीड़ा अनंत! मुस्कराते हुये, संतति के लिए! साहस अदम्य!…
संधि विचार -राम किशोर पाठक
दोहा छंद आओ सीखें व्याकरण, सरल ढंग से आज। दोहा की भाषा यहाँ, सहज करे हर काज।।०१।। हिंदी भाषा में मिले, चिह्न तिरेपन वर्ण। वर्णमाला विचार में, छियालीस का पर्ण।।०२।।…
मित्रवत व्यवहार – जैनेन्द्र प्रसाद ‘रवि’
रूप घनाक्षरी छंद आपसी बढ़ाए प्रीत, लिखिए नवल गीत, अपने पराए हेतु, दिल में भरा हो प्यार। कोई नहीं बड़ा-छोटा, नहीं कोई खरा-खोटा, शत्रुता को भुलाकर, सबको बनाएंँ यार। छोटों…
वीरों की भूमि- नितेश आनन्द
संकट के बादल जब छाए, वीरों ने हुँकार लगाया। दुश्मन के सीने पर हमने , हर बार तिरंगा लहराया।। याद करो वह सिंहासन, गोरी को जिस पर थर्राया। ये उसी…