विद्या:-रूप घनाक्षरी छंद बच्चें लगें फूल ऐसे गेंदा व गुलाब जैसे, खिले खिले चेहरे पे, दिखते जब मुस्कान। परियों की पंख लगा उड़ते आसमान में, दुनिया के गम से वो,…
Author: Anupama Priyadarshini
राक्षस बेटा – नीतू रानी
सच्ची घटना राक्षस बेटा एक माँ दी अपने बेटे को जन्म बेटे के लालन-पालन में खुद को रखी व्यस्त हरदम, अपने आप पर कभी ध्यान नहीं दी सबको खिलाई भरपेट…
कन्हैया की बाँसुरी – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
कन्हैया की बाँसुरी मनहरण घनाक्षरी छंद “”””””””””””””””””””””” नैन कजरारे काले सिर लट घुंघराले, सबकी लुभाता मन, सूरत ये सांवरी। मोहक छवि के आगे फीके पड़े कामदेव, मोहन का रूप देख,…
चहुँओर बजे साज – एस.के.पूनम
🙏ऊँ कृष्णाय नमः🙏 रूपघनाक्षरी (चहुँओर बजे साज) लाडली हमारी चली, बाबूल का घर छोड़, जिसकी दुहाई देता,हुई है पराई आज। मैया की अखियाँ भींगी रात-दिन वियोग में, आँचल तरस रहा,सुता…
वीणा को बजाइए – मनु रमण चेतना
शारदे भवानी मैया,भंवर में मेरी नैया, करि कृपा मेरी नाव,पार भी लगाईये। श्वेत वस्त्र धारिणी मां,विद्या वर दायिनी हो , सुमति को देनेवाली,कुमति नसाईये। चरणों की आस लगी,दर्शन की प्यास…
मंदाक्रांता छंद – कुमकुम कुमारी “काव्याकृति
हे वागीशा, हृदय तल से,तुझे माँ मैं बुलाऊँ। आ जाना माँ, सुन विनय को,आस तेरे लगाऊँ। है ये वांछा, चरण रज को,भाल से माँ लगाऊँ। देना माता,शुभवचन ये,गीत तेरे रचाऊँ।…
हे स्वर की देवी माँ – देव कांत मिश्र ‘दिव्य’
हे स्वर की देवी माँ, वाणी मधुरिम कर दो। मैं दर पर आया हूँ, शुचि ज्ञान सुमति वर दो।। इंदीवर पर राजित, है श्वेत हंस वाहन। वेदों की जननी माँ,…
धन्य सुपौल जिला रे- नीतू रानी
विषय- महर्षि आशुतोष महाराज। संत सोहर गीत धन्य गुरु गाम पिपराही से धन्य सुपौल जिला रे, ललना रे धन्य माता सत्यभामा पिता विश्वनाथ जिनकर घर गुरु आशु जन्म लेल रे।…
पाकिस्तानियों का दर्द – कुमकुम कुमारी “काव्याकृति”
अब सुनो हमारी सरकार अपनी आवाम की पुकार कुछ करो काम निर्माण का मिले जन-जन को रोजगार। आजाद हुए हुआ 76 साल आज भी स्थिति है बदहाल त्याग कर संकुचित…
भारत-वंदना – मुकेश कुमार मृदुल
तेरी माटी रोली – चंदन भारत भूमि तुझे शत वंदन सुषमाओं से है संपूरित देव यहां पर हुए अवतरित मुनियों के तप से है उन्नत धरा तू है मानव का…