(रूप घनाक्षरी छंद) ठंडी-ठंडी हवा चली, सूखी मिट्टी हुई गीली, धूल भरी आंधी लाया, बादल ने बूंदों संग। हाँफ रहे पेड़ पौधे, सभी खड़े दम साधे, तन में पसीना आया,…
Author: Anupama Priyadarshini
बाल मजदूर- अश्मजा प्रियदर्शिनी
अपने बचपन को खोता कितना वह लाचार। मलिन सी काया,दुर्बल छवि,जीर्ण- शीर्ण आकार। अत्यंत आवश्यक प्यासे को पानी भूखे को आहार। मांसाहार नहीं,उसे भोजन मिल जाए शाकाहार। पर लोगों का…
पुस्तक- मीरा सिंह “मीरा
पुस्तक होती ज्ञान दायिनी सबको राह दिखाती है। मानव का सच्चा साथी बन हर पग साथ निभाती है।। अम्मा बन गाती है लोरी नानी बन कथा सुनाती है। सुख दुख…
प्रजनन- ओम प्रकाश
वो जैवप्रक्रिया जिसमें हो अपने जैसे जीवों का सृजन, जंतुओं में या पौधों में हो, कहलाता है बच्चो प्रजनन। खंडन, विखंडन, स्पोर, मुकुलन, पुनर्जनन और कायिक प्रवर्धन, बिना जनन कोशिकाओं…
प्यारी गुड़िया- मीरा सिंह “मीरा
नन्ही मुन्नी प्यारी गुड़िया सबकी राज दुलारी गुड़िया। तितली जैसी उड़ती फिरती खुशियों की किलकारी गुड़िया।। कभी गले से आकर लिपटी कभी खफा हो जाती गुड़िया। करके कोई नयी शरारत…
कुंडलियां छन्द – मनु कुमारी
कुंडलियां छन्द-मैथिली ( बैसाखी पर्व पर ) बैसाखी पाबैन में,दुलहिन रहूं जुड़ाय। अचल रहय अहिबात आ, सुन्दर बनय सुभाय।। सुन्दर बनय सुभाय,पतिव्रत धर्म निभायब। करि उत्तम आचार,पितर के मान बढ़ायब।।…
जननायक- अशोक कुमार
हे जननायक तुमको, शत-शत करूं प्रणाम| भारत की अमर कृति, में अमर तुम्हारा नाम|| माता भीमाबाई के लाल, पिता राम जी सकपाल| 14 अप्रैल को आया, एक नायक महान|| जिसने…
परीक्षा- अश्मजा प्रियदर्शिनी
समय का रजत रथ नित नवीन रश्मियों से युक्त बढता जाता। जब आता परीक्षा का समय तब छूट जाता हमारा जग से नाता। मम्मी-पापा पढाई करने को प्रेरित कर अनुशासन…
मां की विवशता- दया शंकर गुप्ता
आइए करें एक विचार, क्या मिला है अब भी, माताओं को उचित सत्कार? जेहन में आता है घटना बार बार, जा रहा था बस से मै बाजार, अचानक एक नवजात…
एकावली- सुधीर कुमार
एकावली मात्रा — १० यति — ५,५ अंत — दीर्घ २१२ , २१२ राम का , नाम ले । सुबह ले , शाम ले ।। ध्यान हम , सब धरें…