सुरभित हो संसार – दोहा छंद चित विकार से मुक्त हो, निर्मल रहे विचार। पावन मन निज राखिए, सुरभित हो संसार।। परहित का नित भाव रख, करिए सारे काम। चैन…
Author: Dr Snehlata Dwivedi
भरकर आस है -रामकिशोर पाठक
भरकर आस है – मनहरण घनाक्षरी लाल मुख प्राची किए, मोह रही जैसे प्रिय, भाव को जगाती हिय, भरकर आस है। शांत चित्त सौम्य लगे, जग सारा अब जगे, तिमिर…
मन उड़ान जब भरे हृदय से -रामकिशोर पाठक
मन उड़ान जब भरे हृदय से – गीत (१६-१४) तन सुवास भी उड़े गगन में, मन में सुंदर आस जगे। मन उड़ान जब भरे हृदय से, सुरभित हर अहसास लगे।।…
आप ही खास हैं -रामकिशोर पाठक
आप ही, खास हैं- अरूण छंद गीत २१२-२१२-२१२-२१२ हो सके, तो कभी, पास में आइए। आप ही, खास हैं, मान भी जाइए।। आपका, काम तो, रंग लाया अभी। आपसे, जख्म…
पुकारिए उसे सदा रामकिशोर पाठक
पुकारिए उसे सदा – पंचचामर/नराच/नागराज छंद गीत १२१-२१२-१२१-२१२-१२१-२ लखे कभी विकार तो, सवाल जो तजा करे। पुकारिए उसे सदा, विचार शुद्ध जो भरे।। सखा किसे कहें यहाँ, सवाल आज है…
बच्चो को सिखाइए-जैनेन्द्र प्रसाद सिंह
बच्चों को सीखाइए जल हरण घनाक्षरी छंद खलिहान छत पर- जहांँ भी जगह मिले, बागवानी करने को, बच्चों को भी सीखाइए। हवा व पानी के लिए , खुशी से जीने…
होकर मगन -रामपाल प्रसाद सिंह
होकर मगन गगन के नीचे, दौड़ रहे ये बच्चे हैं। जिन्हें देखकर वयोवृद्ध सब,अंतर मन से नच्चे हैं।। हरियाली के बीच निरंतर,कोयल की मीठी बोली, विहग सरीखे उड़ते जो हैं,डाल…
हृदय की पुकार -बैकुंठ बिहारी
हृदय की पुकार हे मानव। सुन हृदय की पुकार, प्रकृति से मित्रता कर, प्रकृति का सम्मान कर, पेड़ पौधे जीव जंतु का सम्मान कर। हे मानव। सुन हृदय की पुकार,…
ॐ कृष्णय नमः एस के पूनम
🙏ऊँ कृष्णाय नमः🙏 विधाता छंद। (विलोचन में दिखी लाली) चुनावों ने विचारों का, दिये थे खोल जब ताले। ललक ने हस्त फैलाया, अधर पर थे कई प्याले। प्रचारों से जगी…
वाह रे इंसान -जैनेन्द्र प्रसाद रवि
वाह रे इंसान पितरों को पानी देते हैं, जिंदा को सम्मान नहीं, गली-गली इंसान भटकता, क्या उसमें भगवान नहीं? मूर्ति की पूजा होती है, फूल चढ़ाए जाते हैं, कुछ जाति…