देव दिवाली…राम किशोर पाठक

कुंडलियां देव दिवाली आज है, जगमग सारे लोक।पावन क्षण है आ गया, हरने सबके शोक।।हरने सबके शोक, देव नारायण आते।गंगा में कर स्नान, पाप सारे कट जाते।।आलोकित सुरलोक, लगे भूलोक…

भारत मांँ की बेटियांँ…राम किशोर पाठक

भारत माँ की बेटियांँ- प्रदीप छंद गीत धरती से अंबर तक फैली, जिसकी गाथा खास है। आज बेटियाँ भारत माँ की, रचती नव इतिहास हैं।। आँगन की कोमल कलियों ने,…

कार्तिक पावन पूर्णिमा – गीतिका- राम किशोर पाठक

कार्तिक पावन पूर्णिमा, महिमा कहे बखान।कट जाता है पाप सब, कर गंगा में स्नान।। भीड़ उमड़ती घाट पर, मनहर लगता आज।दान-पुण्य भी कर रहे, कर्म सभी निज मान।। आओ हम…

कुंडलिया.रामपाल प्रसाद सिंह ‘अनजान’

भाषा अच्छी बोलना,मुख का है शृंगार।संधारित जिसने किये,लूट लिए संसार।। लूट लिए संसार,स्वर्ग सुंदर मुस्काया।अवतारण की चाह,देव मानस पर छाया।। कहते हैं ‘अनजान’,सदा रखना अभिलाषा।करके ही अभ्यास, सुधारो अपनी भाषा।।…

देव दया कर …रामकिशोर पाठक

वासुदेव छंद आश नया मन, सर्जन दो।देव दया कर, दर्शन दो।। भव भंजन तुम, कष्ट हरो।जीवन का दुख, नष्ट करो।।पाप हुआ अब, वर्जन दो।देव दया कर, दर्शन दो।।०१।। अविनाशी तुम,…

तुम मुझको नारी रहने दो… डॉ स्वराक्षी स्वरा

गीततुम मुझको नारी रहने दोअपनी अधिकारी रहने दो ।। सत्ता का लोभ नहीं मुझकोन  दौलत  की  ही चाहत है पैरों   के  बंधन   तोड़  मेरे निर्बन्धता   में    राहत    है चालें तेरी…

शब्द साधना…रामकिशोर पाठक

मरहठा माधवी छंद शब्द साधना अगर, सब्र साधना, स्वयं साधा करे।शिल्प देखिए सहज, और सीखिए, मौन बाधा हरे।।अर्थ जानिए सदा, हर्ष मानिए, गर्व आधा धरे।यत्न कीजिए सरल, आज कीजिए, ज्ञान…

देवता साक्षात् नभ से…राम किशोर पाठक

गीत (गीतिका छंद) कष्ट हरना है जगत का, आज यह समझा गए।देवता साक्षात नभ से, पूछने हैं आ गए।। पर्व पावन है सदा ही, प्रेम महिमा कह रही।भाव की सरिता…