चन्दा मामा नील गगन में एक चन्द्रमा निशा की तिमिर मिटाता है, धरा पर फैले उसकी चाँदनी शीतलता पहुँचाता है । बच्चे मामा कहते उसको खिलौने लेकर आओ ना, दूध-भात…
Category: बाल कविता
चिड़िया-ब्यूटी कुमारी
चिड़िया चीं चीं करती आती चिड़िया पेड़ की डाली सजाती चिड़िया। फुदक फुदक कर इस डाली से उस डाली पर जाती चिड़िया। मुर्गा बांग लगाता है सबको सुबह जगाता है।…
सूरज-ब्यूटी कुमारी
सूरज पूरब दिशा में उगता सूरज सूर्योदय का दृश्य मनोरम। करते हैं हम सूर्य नमन सूरज की किरणें आती अंधकार को दूर भगाती। सूरज के हैं नाम अनेक सूर्य रवि…
सूरज दादा-जैनेन्द्र प्रसाद रवि
सूरज दादा आसमान में सूरज दादा, दूर हैं हमसे बहुत ज्यादा। रात में करते कहां बसेरा, सुबह में लाते साथ सवेरा। अंधेरे को हैं दूर भगाते, घर पर आकर हमें…
सर्दी आई-मधु कुमारी
सर्दी आई आ गई अब सर्दी भाई निकल गई सबकी रज़ाई जब ठंडी हवा चले मस्तानी याद आ जाए तब नाना नानी….. गर्मी भागी सर्दी धमक आई चारों…
हाथी राजा-अशोक कुमार
हाथी राजा हाथी राजा अड़े बड़े, सूंढ उठाकर कहां चले। लंबे लंबे कद है इनका, झुमते हुए चले पड़े।। पत्ते हैं इनका आहार, लंबे सूंढ से करते प्रहार। शाकाहारी है…