चार कबूतर-नीतू रानी

चार कबूतर छत पर चार कबूतर आए पापा ने छत पर दाना गिराए, चुनने लगे कबूतर दाने फिर नीचे आए पानी पीने। एक कबूतर का पैर था टूटा मुन्ना लाया…

चन्दा मामा-भवानंद सिंह

चन्दा मामा नील गगन में एक चन्द्रमा निशा की तिमिर मिटाता है, धरा पर फैले उसकी चाँदनी शीतलता पहुँचाता है । बच्चे मामा कहते उसको खिलौने लेकर आओ ना, दूध-भात…

चिड़िया-ब्यूटी कुमारी

चिड़िया चीं चीं करती आती चिड़िया पेड़ की डाली सजाती चिड़िया। फुदक फुदक कर इस डाली से उस डाली पर जाती चिड़िया। मुर्गा बांग लगाता है सबको सुबह जगाता है।…

सूरज-ब्यूटी कुमारी

सूरज पूरब दिशा में उगता सूरज सूर्योदय का दृश्य मनोरम। करते हैं हम सूर्य नमन सूरज की किरणें आती अंधकार को दूर भगाती। सूरज के हैं नाम अनेक सूर्य रवि…

सर्दी आई-मधु कुमारी

सर्दी आई आ गई अब सर्दी भाई निकल गई सबकी रज़ाई जब ठंडी हवा चले मस्तानी     याद आ जाए तब नाना नानी….. गर्मी भागी सर्दी धमक आई चारों…

हाथी राजा-अशोक कुमार

हाथी राजा हाथी राजा अड़े बड़े, सूंढ उठाकर कहां चले। लंबे लंबे कद है इनका, झुमते हुए चले पड़े।। पत्ते हैं इनका आहार, लंबे सूंढ से करते प्रहार। शाकाहारी है…