गिरती है पर्वत से नदिया, मेरे गाँव से बहकर जाती है बारिश में नदिया इठलाती है, हम बच्चों को खुश कर जाती है फिर कुकू कोयल गाती है, सबके मन…
Category: बाल कविता
मेरी मुन्नी- बाल कविता- राम किशोर पाठक
मेरी मुन्नी सुबह खिड़की जब खोली माई, सूरज की किरणें थी आई। मुन्नी आँखें खोल न पाई, मईया ने आवाज लगाई।। आँखें मींचकर मुन्नी उठी, मईया से जैसे हो रुठी।…
फल, फूल, सब्जी- नीतू रानी निवेदिता
फल, फूल, सब्जी, खाइए भरपूर जी। चीनी, तेल, घी, खाने से पहले मुँह को लें सी। ज्यादा न खाओ चावल आलू, बन जाओगे मोटे भालू। खाने में लें ज्यादा सब्जी,…
मुन्नी रोज आती स्कूल
बाल कविता। मुन्नी रोज आती स्कूल, लेकिन आज रास्ता गई भूल। रास्ते में बैठकर रो रही थी, आँसू से मुख को धो रही थी। किसी ने कहा उसकी मम्मी से,…
बाल कविता – पेंसिल – राम किशोर पाठक
पेंसिल की है बात निराली, चलती है यह काली काली। अब तो रंग बिरंगी है आती, बच्चों का मन खूब है भाती। जो मन आये वो लिख पाऍं, गलत होने…
नई सुबह – डॉ स्वराक्षी स्वरा
जागो जागो हुई सुबह फिर से आई नई सुबह चिड़ियां गाए फूल खिले है मुस्काई नई सुबह….।। उठकर प्रभु को प्रणाम करो फिर अपने सारे काम करो शांति से बीते…
मन करता मैं भी कुछ गाऊँ- अमरनाथ त्रिवेदी
जीवन खुशियों से जब भरता, मन करता मैं भी कुछ गाऊँ। जब शीतल मंद सुगंध हवा हो, खुशियों के संग मैं गीत सुनाऊँ। तरुनाई जब पुरवाई की हो, मन करता…
दिन-रात- रामकिशोर पाठक
हम बच्चों के मन में आती तरह तरह की है बातें। गुरुवर हमें बता दो इतना क्यों होती हैं दिन रातें। सूरज छुपते कहॉं रात में उजियारा दिन में करते।…
पढ़ने को स्कूल चलें हम- अमरनाथ त्रिवेदी
नित पढ़ने को स्कूल चलें हम, किसी बात पर नहीं लड़ें हम। जीवन में खुशियाँ भरने को, नित बस्ता लें स्कूल बढ़ें हम। हम नहीं करें कभी आना कानी, नहीं चलेगी अब…
इन्द्रधनुष- रामकिशोर पाठक
छम छम करती वर्षा रानी, मूसलाधार गिराए पानी। बैठ गयी अब वो थककर, सूरज दादा आएँ निकलकर। संग में झोला भरकर लाएँ, रंग बिरंगे फल दिखलाएँ, सबके सब है सेहतमंद,…