शिक्षक – कहमुकरी राम किशोर पाठक

शिक्षक – कहमुकरी सबके हित को तत्पर रहता। अपने हक में कभी न कहता।। दोष गिनाते बने समीक्षक। क्या सखि? साजन! न सखी! शिक्षक।।०१ भूली बिसरी याद दिलाए। रोज नया…

राष्ट्र भक्त हम, कहलाएँ- वासुदेव छंद गीत  राम किशोर पाठक 

राष्ट्र भक्त हम, कहलाएँ- वासुदेव छंद गीत  राष्ट्र हेतु हम, मिट जाएँ। राष्ट्र-भक्त हम, कहलाएँ।। आओ मिलकर, पले यहाँ। कदम मिलाकर, चले जहाँ।। गीत संग हम, यह गाएँ। राष्ट्र-भक्त हम,…

तोटक छंद वर्णिक-रामपाल प्रसाद सिंहअनजान

तोटक छंद वर्णिक(112) 112-112-112-112 दो चरण सम तुकांत दिन में दिखते मन के सपने। हिय में रहने लगते अपने।। रचने लगते शुभ भाव यहाॅं। भरने लगते मन घाव यहाॅं।। सजने…

साक्षात अमरनाथ है -जैनेंद्र प्रसाद रवि

साक्षात अमरनाथ है मनहरण घनाक्षरी छंद में चारों धाम घुम आया, कहीं नहीं मन भाया, तीर्थ राज बनकर, गुरुदेव साथ हैं। भाव पास कट गया, अंधकार मिट गया, जब से…

शुभकामना संदेश – जैनेन्द्र प्रसाद ‘रवि’

शुभकामना संदेश मध्य विद्यालय दरबे भदौर*प्रखंड पंडारक के प्रधानाध्यापक *भाई रामपाल सिंह अनजान जी का दिनांक ३१,१०,२०२५ को विद्यालय से सफल व निर्विघ्न सेवा समाप्ति के अवसर पर पेश है…

तुम मुझको नारी रहने दो… डॉ स्वराक्षी स्वरा

गीततुम मुझको नारी रहने दोअपनी अधिकारी रहने दो ।। सत्ता का लोभ नहीं मुझकोन  दौलत  की  ही चाहत है पैरों   के  बंधन   तोड़  मेरे निर्बन्धता   में    राहत    है चालें तेरी…

लक्ष्य -बैकुंठ बिहारी

लक्ष्य जीवन का प्रथम उद्देश्य है लक्ष्य, सफलता की प्रेरणा है लक्ष्य, कर्तव्य की प्रेरणा है लक्ष्य, आत्म सम्मान की प्रेरणा है लक्ष्य, कृतज्ञता की प्रेरणा है लक्ष्य, स्वार्थ की…

स्वास्थ्य बैकुंठ बिहारी

स्वास्थ्य स्वास्थ्य का ध्यान रखिए, यह प्रकृति की अनुपम भेट है। उत्तम स्वास्थ्य ऊर्जा प्रदान करता है, अंग प्रत्यंग को स्फूर्तिमान करता है, आशाओं की नई किरण जगाता है, अनायास…

ढूंढता हूं अवनीश कुमार

“ढूंढ़ता हूं” मैं माँ की सुनी माँग में उस दमकती सुंदर आभा — ‘सिंदूर’ की वह पावन आभा ढूंढ़ता हूं, जिसमें बसती थीं उसके जीवन की उजली सुबहें, जिससे उसके…