माँ मुझे भी माँ मुझे भी नेता बनना है नेता बनकर पावर लेकर गरीबी को दूर करना है। माँ मुझे भी.. खूब पढूंगा मेहनत करके फिर आगे मुझको बढ़ना है…
Category: Aasha Ichchha
अटूट रिश्ता-मधु कुमारी
अटूट रिश्ता हमारे रिश्ते में है मीठी तकरार भाई बहन का है ये अनोखा प्यार रखी के कच्चे धागे में बाँध लिया जिसने प्रीत का सारा संसार……… भाई सा जग…
जीवन की राहें-प्रियंका दुबे
जीवन की राहें पथ है जीवन का गतिशील है कदम गंतव्य स्थल पर जाकर सर्व धर्म निभाना है कठिन। ईश्वर रचित संसार की चुनौतियाँ है जटिल उम्मीदों की दृष्टि से…
कुछ कर गुजरने की हसरत अभी बाकी है-विवेक कुमार
कुछ कर गुजरने की हसरत अभी बाकी है ऊपर वाले ने कुछ सोच कर, हमें बनाया होगा, नाक नक्श संग संस्कारों का, साज सजाया होगा, मिट्टी के पुतलो में रंगों…
मेरी अभिलाषा-प्रीति
मेरी अभिलाषा मैं छोटा सा नन्हा बच्चा, मेरी यह अभिलाषा है। जल्दी से स्कूल शुरू हो, बस छोटी सी आशा है। याद आते हैं दिन वो सुहाने, जाते जब हम…
उम्मीदें-प्रियंका दुबे
उम्मीदें स्वप्निल रजनी के देश में देखे जो ख्वाब, उसे पूरा कर लेंगे आज, अगर चलते रहे यूं ही कर्मठता से कर्म के पतवार, जरूर होगी ख्वाबों की निर्झरनी पार,…
है आस होंगे पास-विवेक कुमार
है आस होंगे पास संकट का मंजर है आया परेशान है सबको कर पाया कोरोना का है ये छाया सबको है घबड़ाया प्राण घातक है बन गया पर है आस…
जीवन अभी बाकी है-मधु कुमारी
जीवन अभी बाकी है आस हाथ से छूटती नहीं प्यास मन की मिटती नहीं हिम्मत हार कभी मानती नहीं हौसला सांस की बाकी है जीवन अभी बाकी है……. हर सांस,…
टूटती कविता-गिरिधर कुमार
टूटती सी कविता रंग चटखने लगे हैं इसके परेशान है कविता कोलाहल से किसी कोविड से किसी यास से किसी ब्लैक रेड फंगस के संताप से। बिखरती चेतना से सहमती…
तूफान के संग-गिरिधर कुमार
तूफान के संग घोर तिमिर में घिरा पथिक ढूंढ़ता है राह कुछ मन के अवसादों की पोटली का बोझ सिर पर उठाए विचलित भयभीत है पथिक! ऐसा क्या कुछ हो…