बंधन प्रीत के – संजय कुमार

आपसे ही बंधी,मेरे जीवन की हर डोर आपसे ही पिया सांझ है,आपसे ही भोर। आप ही मेरे,मनमंदिर के अप्रतिम देव, मैं आपकी प्राणेश्वरी,आप मेरे महादेव। आपके कदमों में ही,मेरा सकल…

ईश्वर की लीला जान – एस.के.पूनम

खींची रेखा किस्मत की, बर्षों की थी इंतजार, कोसों दूर आन मिली,ईश्वर की लीला जान। माँग है सिंदूरी लाल, बिंदिया है सजी भाल मुस्कान अधरों पर,पतिव्रता अभिमान। करती निर्जला व्रत,…

प्रेरणा गीत: सीखो – देव कांत मिश्र ‘दिव्य’

प्रतिदिन अपनी माँ से सीखो करुणा को बरसाना। प्रेम-भाव से सिक्त हृदय में सौम्य सुमन महकाना।। अनुशासन चींटी बतलाती गुण ऐसा नित भरना। सत्य मार्ग पर चलने में तुम कभी…

हरितालिका तीज – जैनेन्द्र प्रसाद रवि

सुहागिन महिलाएं अपने पति के लिए, दीर्घायु जीवन हेतु, रखतीं हैं उपवास। मन-कर्म वचन से करती हैं उपासना, माँगती दुआएँ वह, रख मन में विश्वास। सालों इंतजार बाद पावन महीना…

गणेश चतुर्थी – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

बिगड़ी बनाने हेतु सभी तेरे द्वार आते, श्रद्धा पूर्वक भक्तों के, वंदना में झुके माथ। नारियल फल-फूल मोदक चंदन लिए, लोग तेरे द्वार खड़े, करबद्ध दोनों हाथ। मंदिरों में भीड़…

वंदना में झुके माथ – एस.के.पूनम

पार्वती के प्रिय पुत्र, एकदंत गणपति, आगवन घर-घर,लाए हैं आनंद साथ। मंदिरों के पट खुले, फूल माला खूब चढ़े, कुंज-कुंज शंखनाद,अंधेरे में दिखे नाथ। दाएं-बाएं रिद्धि-सिद्धि, मध्य बैठे गजानन, भक्तों…

आयो कृष्ण कन्हाई – कुमकुम कुमारी ‘काव्याकृति”

भाद्रपद कृष्ण अष्टमी को, देवकीनंदन जन्म लिए हैं। कारागार के बंधन टूटे, द्वारपाल सब औंधे पड़े हैं। लेकर टोकरी में कान्हा को, देखो वासुदेव चल पड़े हैं। राह में काले-काले…

हम भारती के लाल – एस.के.पूनम

राष्ट्र के सपूत हम, मिट्टी पर गढ़ा नाम, सदा से वचनबद्ध,शत्रुओं का बनूं काल। तिरंगे को ओढ़कर, चल पड़े प्रभु धाम, संततियों से अलग,भारती के हम लाल। सोच कर परेशान,…

कुंडलिया – देव कांत मिश्र ‘दिव्य’

आया सावन झूमकर, हर्षित हुए किसान। ‌हरी-भरी यह भूमि हो, यही हमारी आन।। यही हमारी आन, सदा गुण ऊर्जा भरिए। रिमझिम सौम्य फुहार, प्रीति-सा जीवन करिए।। मधुरिम भावन गीत, मुदित…