नव संकल्प ले नव विहान का, नूतन अभिनन्दन कर लो। जो विकृति हो अपसंस्कृति हो, उसका चलो शमन कर लो। नव संकल्प ले नव विहान का, नूतन अभिनन्दन कर…
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नव वर्ष – संजय कुमार
आओ हम नव वर्ष मना लें नूतन-नूतन हर्ष मना लें बीत गया जो वर्ष पुराना श्रद्धा सुमन उसको अर्पित कर उष्ण आँसुओं का अर्पण कर बीत गया जो वर्ष पुराना…
खट्टी-मीठी यादें – रामकिशोर पाठक
बीत रहा यह साल है, देकर खट्टी-मीठी यादों को। जीवन भर हम याद करेंगे, गुजरे कुछ संवादों को।। कुछ लाएगी मुस्कान होंठ पर, कुछ ऑंखों में मोती। कुछ से…
बीता वर्ष २०२४ – अमरनाथ त्रिवेदी
जो बीत रहा है समय अभी, वह लौटकर कभी न आएगा। सदियों वर्ष यों ही बीत गए, अब २०२४ भी बीत जाएगा। समय नहीं कभी बैठा रहता, यों ही…
मेरा भारत महान -नीतू शाही
मेरा भारत महान, तेरी जय हो तेरी धरती पर, मैने जन्म लिया हो तेरी नदियों का जल, मेरी प्यास बुझाता हैं तेरे पहाड़ों की छाया मेरे मन को शांति देती…
छठ पर्व की महिमा – अमरनाथ त्रिवेदी
छठ पर्व की महिमा अति न्यारी, चार दिनों तक लगती है प्यारी। जीवन सकल धन्य कर देती। यह सर्व दुर्गुणों को हर लेती। चारों ओर उत्सव और बधाई, लगता जीवन…
शान निराली छठ व्रत की – अमरनाथ त्रिवेदी
छठ व्रत की शान निराली, महापर्व की शोभा न्यारी। हम बच्चों को खुशी देनेवाली, अनुपम दृश्य लगती बड़ी प्यारी। व्रती वंश की कामना रखती, इस व्रत में यह ध्यान है…
जरा रौशनी फैला दें- अमरनाथ त्रिवेदी
जीवन मिला हमें जब , जरा रौशनी फैला दें । दूसरों के दर्द को भी , अपने दर्द में मिला लें।। दीपों की रौशनी में, हम अपना दुःख भुला दें।…
एक दीप इनके नाम – संजय कुमार
आइए, जलाते हैं एक दीप अपने माता-पिता की लम्बी आयु के लिए, जिन्होंने हम सबको सुंदर संस्कार दिए। आइए, जलाते हैं एक दीप अपने गुरुजनों के लिए, जो अच्छी शिक्षा…
स्लेट है तेरा भविष्य – रामपाल सिंह ‘अनजान’
यह स्लेट है तेरा भविष्य, तेरे संग है किसी का असीस। लग रहा है तुम अबोध नहीं, उन रेखाओं का तुझे बोध नहीं। एक गतिविधि में है तुम लीन, तुझ…