छठ पर्व की महिमा – अमरनाथ त्रिवेदी

छठ पर्व की महिमा अति न्यारी, चार दिनों तक लगती है प्यारी। जीवन सकल धन्य कर देती। यह सर्व दुर्गुणों को हर लेती। चारों ओर उत्सव और बधाई, लगता जीवन…

शान निराली छठ व्रत की – अमरनाथ त्रिवेदी

छठ व्रत  की शान निराली, महापर्व की शोभा न्यारी। हम बच्चों को खुशी देनेवाली, अनुपम दृश्य लगती बड़ी प्यारी। व्रती वंश  की कामना रखती, इस व्रत में  यह ध्यान है…

एक दीप इनके नाम – संजय कुमार

आइए, जलाते हैं एक दीप अपने माता-पिता की लम्बी आयु के लिए, जिन्होंने हम सबको सुंदर संस्कार दिए। आइए, जलाते हैं एक दीप अपने गुरुजनों के लिए, जो अच्छी शिक्षा…

स्लेट है तेरा भविष्य – रामपाल सिंह ‘अनजान’

यह स्लेट है तेरा भविष्य, तेरे संग है किसी का असीस। लग रहा है तुम अबोध नहीं, उन रेखाओं का तुझे बोध नहीं। एक गतिविधि में है तुम लीन, तुझ…