सभी करते आनंद यहां अपने वजूद में, बड़े कामकाज करें, बच्चे खेलकूद में। किशोर तो विद्यालय जाएं करने पढ़ाई को, युवक सेनाओं में जाते सीमा पर लड़ाई को। व्यस्क करें…
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एक सच्चाई- नवाब मंजूर
सत्य से जो दूर है वही मद में चूर है लोभ भी भरपूर है इसी भ्रम में मानता स्वयं को, वही एक शूर वीर है। रौंदता जाता सबको जाने रब…
समाधान-अमरनाथ त्रिवेदी
समाधान है अपने कर में , हम पीछे क्यों रह जाते है ? चिंता से चतुराई घटती , फिर चिंता में क्यों पड़ जाते हैं? यह मानव जीवन है प्यारे…
ज्ञान के आलोक में -अमरनाथ त्रिवेदी
ज्ञान के आलोक में , अज्ञानता को छोड़ दो । जलन की ; हठधर्मिता की , सारे बंधन तोड़ दो । ले पताका असीम व्योम में , उड़ चलो तुम…
मानवी अभ्युदय के यथार्थ – अमरनाथ त्रिवेदी
समस्त विश्व मे सम्मुख यह काया , सदा -सदा अति न्यारी । प्रेयसी बन विचरण करती यह , कभी माँ की रूप अति प्यारी । बन भगिनी , सुता बन…
यादें- जय कृष्णा पासवान
एक -एक सिसकियां- फिजाओं की खुशबू बांट रहे थे। पल-पल इन्तजार उस धड़ी का मानों आंखें मचल रहे थे। किया ख़्वाब सजाया था, खुदा मेरे हरेक लम्हों में पुरा हो…
अरिल्ल छंद -सुधीर कुमार
अरिल्ल छंद मात्रा – १६ अंत – १२२ आपस में मत करो लढ़ाई । बच्चों कर लो खूब पढ़ाई ।। तुम अपना मत समय गँवाना । अच्छे बच्चे सदा कहाना…
जागृति-अमरनाथ त्रिवेदी
पूर्व अमित आख्यान सुन , क्यों नहीं तू सँभल रहे हो ? किस द्वेष -राग मे लिप्त हो , मानवता को ठुकरा रहे हो ? किन संकीर्ण स्वार्थों के बीच…
दोस्ती – दीपा वर्मा
दोस्ती कोई स्वार्थ नही , एक विश्वास होती है..। एहसास से बना एक रिश्ता , जो बहुत खास होती है। लाखो मे कुछ खुशनसीब होते है, जिनहे सच्ची दोस्ती नसीब…
कर्मगति -अमरनाथ त्रिवेदी
यहाँ काल के कपाल पर , निज कर्म अमिट होता गया । जो स्वप्न में धरे रह गए , वह सर्वस्व स्वाहा हो गया । निज को सुधार सँवार लो…