लोरी: ममता की मीठी छाया चंदा मामा पास बुलाते, तारे झिलमिल झूला झुलाते, माँ की गोदी, प्यार की बूँदें, सपनों में रसधार बहाते। दादी नानी मीठी बोली, कथा-कहानी रोज सुनाती,…
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मंजिल हीं एक ठिकाना है – स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्या’
मंजिल ही एक ठिकाना है मंजिल तक हमको जाना है चलना तो एक बहाना है, मंजिल ही एक ठिकाना है। पैरों के छाले मत देखो, मंजिल तक हमको जाना है।…
पर्यावरण संरक्षण – मनु कुमारी
पर्यावरण संरक्षण भाईयों वृक्ष लगाना, बहनों वृक्ष लगाना। पर्यावरण सुरक्षा में सब मिलकर हाथ बढ़ाना ।। भाईयों वृक्ष लगाना, बहनों वृक्ष लगाना.. जल पर हीं है जीवन सारा,जल को रोज…
अच्छा मौका खो दिया – कुण्डलिया छंद – राम किशोर पाठक
अच्छा मौका खो दिया – छंद – कुण्डलिया (०१) अच्छा मौका खो दिया, हमनें उनके पास। लौट वहाँ से आ गया, किया नहीं कुछ खास।। किया नहीं कुछ खास, मिटा…
मोहनी माया – विधा गीत – राम किशोर पाठक
मोहनी माया – विधा गीत उलझे रहते हम-सब हरपल, चलता न बुद्धि बल है। सदा सजग रहना माया से, माया बड़ी प्रबल है।। अपना सा आभास कराता, हरपल भ्रम…
जंग अभी बाकी है – नीतू रानी
जंग अभी बाकी है रंग अभी बाकी है, बहनों के माँग उजारने वालों का कर्मकांड अभी बाकी है। जंग अभी बाकी है रंग अभी——–२। जाति पूछकर मारा तुने…
बुद्धं शरणं गच्छाम: – राम किशोर पाठक:
बुद्धं शरणं गच्छाम:। संघं शरणं गच्छाम:।। चत्वारि आर्यसत्यानि, जीव जीवने संगानि, दु:खं, दु:खस्य कारणं वा, निरोधं, निरोधगामिनीं प्रतिपदा। बुद्धं शरणं गच्छाम:। संघं शरणं गच्छाम:।। अहिंसा, अस्तेय, कामेच्छा वर्जनम्, अनृतं च…
कर्म – नूतन कुमारी
कर्म धर्म का राह कभी सरल नहीं होता, अधर्म से बड़ा कोई हलाहल नहीं होता युगों – युगों तक स्मरण करें हर कोई, यह मार्ग इतना अविरल नहीं होता।…
सत्य अहिंसा का राही- रत्ना प्रिया
सत्य अहिंसा का राही आत्मतत्व की ज्योति पाने, जब कोई अकुलाता है । सत्य अहिंसा का राही तब, गौतम बुद्ध बन जाता है ।। जन्म-जरा और मृत्यु से,…
माँ का प्यार – राम किशोर पाठक
माँ का प्यार – लावणी छंद माँ का प्यार दुलार जगत में, बड़ा अनमोल होता है। माँ के चरणों में पड़ते तो, सुरपुर लगता छोटा है।। जग के पालक…