ये जीवन अग्निपथ ! इस जीवन का है सुगम-पथ अहिंसा-पथ जीवन का है, सबसे अच्छा सु-पथ। हिंसा सभ्य समाज की नहीं रही है कभी सोच कैसे देश आगे बढ़े यही…
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“मानवी”- सुरेश कुमार गौरव
हुई धरा पर जब से मैं अवतरित,श्रद्धा का पूरा आवरण हूं, नाम धराया “मानवी” व “अंशिका”,इसी का मैं अन्त:करण हूं, सबकी गोद में खेलती-देखती, चहुंओर बांटती खूब ममता सबके मन…
हृदय की गांठ खोलता ज्ञान -मीरा सिंह “मीरा”
ज्ञान खुशी का एक पिटारा ज्ञान बनाए जीवन न्यारा। करें जहां पर ज्ञान बसेरा रहता नहीं दुखों का डेरा। हृदय की गांठ खोलता ज्ञान खुशियों का लगे रोशनदान। झिलमिल करती…
हमारा पहनावा हमारी संस्कृति- धीरज कुमार
हर भारत के वासी है, भारतीयता है पहचान हमारी। दुनिया के लोगो के बीच पहनावे से होती पहचान हमारी।। पश्चिमी फैशन को अपनाना यदि शौक है हमारी। भारतीय संस्कृति की…
चाहत – अमरनाथ त्रिवेदी
जीवन मे प्रेम का आधार हो , इसमें न छल व्यापार हो । न कालिमा -सी बात हो , न, छुपा रुस्तम आगाज़ हो । चरण पड़े जहाँ- जहाँ ,…
कोई मरे कोई सैर करे-मो.मंजूर आलम
बाजारों में सजे हैं स्वेटर मफलर कंबल रजाई रंग बिरंग के! कुछ बच्चे ठिठुर रहे हैं पड़े हैं घरों में दुबके ! और कोई निकला है गुलमर्ग की सैर पे!…
अतुल्य टीका- सुरेश कुमार गौरव
सदियों पूर्व की गई अपने यहां “टीकाओं” की अनूठी शुरुआत एक से बढ़कर एक हुए विद्वजन किए अद्भुत संस्कृति की शुरुआत। अपने देश की कई परंपराएं भी हैं बेहद अर्थपूर्ण…
ठुठरती ठंड- जयकृष्णा पासवान
गगन में कोहरे छाऐ हुए, बादल की छलकती है शमा। जग-सारा विरान हो गए, ठुठरती ठंड की है पनाह ।। कोई चिराग की आशंका नहीं, दिवाकर भी ख़ामोश पड़े। नित-रोज़…
कड़ाके की ठंड- दीपा वर्मा
कड़ाके की ठंड है , ठंड बड़ी प्रचंड है । शीतलहर जारी है , हर पल सब पर भारी है। यह ठंड सबको सहना है, रजाई में ही रहना है।…
आह्वान – अमरनाथ त्रिवेदी
मुँह में राम दिल मे छुरी , लेकर न कभी जिया करो । ऐसा न कभी किया करो । । मानव मन की यह शान नहीं , यह दानवता की…