सूरज महान है-एस.के.पूनम

विद्या:-मनहरण घनाक्षरी व्योम,धरा प्रभा भरी,उष्णता से शीत डरी, दूर किया थरथरी,यही पहचान है। अश्व पर बैठ चले,संसार में ज्योत जले, फल,फूल खुब फले,सूरज की शान है। गगन चमका तारा,भुला गिनती…

आख़िर हूं मैं कहां-जयकृष्णा पासवान

उड़ता है मन, परिंदों का आसमां । खिलता हुआ फूल, भंवरों का नग़मा।। ढुंढने चल पड़ा मैं, खुशियों का जहां। आख़िर हूं मैं कहां…२.।। नदियों के किनारे में, पर्वतों के…

जीवन का फ़लसफ़ा -जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

सभी करते आनंद यहां अपने वजूद में, बड़े कामकाज करें, बच्चे खेलकूद में। किशोर तो विद्यालय जाएं करने पढ़ाई को, युवक सेनाओं में जाते सीमा पर लड़ाई को। व्यस्क करें…