मेरी पोषण वाली थाली : बाल कवितामाँ ने सजाये थाली में अनोखे रंग ,पोषण थाली अब करेगी कुपोषण से जंग । मोटे अनाज देंगे हमें बल,गेहूँ, चावल भरें संबल। दाल…
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कैसे कह दूं – बैकुंठ बिहारी
कैसे कह दूंकैसे कह दूं कि सब ठीक है,अजीब सी बेचैनी है।कैसे कह दूं कि सब ठीक है,अजीब सा अधूरापन है।कैसे कह दूं कि सब ठीक है,अजीब सी दुविधा है।कैसे…
रामायण – राम किशोर पाठक
आओ चिंतन कर लें थोड़ा, जो खुद गढ़ते हैं। गाथा सुंदर रामायण की, हम-सब पढ़ते हैं।। नारायण होकर जब नर सा, विपदा झेला है। फिर क्यों रोते रहते हम-सब, दुख…
दीपावली का त्योहार – आशीष अम्बर
दीपावली का त्योहार आया, संग में अपने खुशियाँ लाया । रंगोली से घर को सजायेंगे, मिलकर खुशियाँ खूब मनायेंगे । दीपों की भी सजी कतार, जगमग कर रहा अपना घर…
अक्टूबर – रुचिका
देखो,कैसे आ गया अक्टूबर थोड़ी सी ठंडी हवा लेकर, थोड़ी सी सूरज की गर्मी चुराकर थोड़ी सी सूरज में नर्मी लाकर जैसे करने को आतुर है शीत का स्वागत देखो…
नारी का अपमान -जैनेंद्र प्रसाद
नारी का अपमान मनहरण घनाक्षरी छंद लंकापति रावण का यश बल धन गया, किया अपमान जब, जनक दुलारी का। कौरवों ने द्रौपदी की चीर का हरण किया, अबला लाचार जान,…
प्यारे चांद -डॉ स्नेहलता द्विवेदी
प्यारे-चाँद ओ चाँद उतर मेरे अँगना, मैं तो बैठी संग है बहना। जा ढूंढ के ला मेरा सजना, न उतरे तो फिर ना कहना। यह पूनम बहुत निराली है, है…
दिल की बात सुनें -अमरनाथ त्रिवेदी
दिल की बात सुनें किसी से कुछ कहे न कहें , पर दिल की बात जरूर सुन लें । वह कहता है तो भले के लिए , बात उसकी जरूर गुन लें । आत्मा…
बचपन – बाल गीत – राम किशोर पाठक
बच्चे मिलकर जश्न मनाए। धमा चौकड़ी धूम मचाए।। अनुपम हर क्षण है जीवन का। सफर सुहाना है बचपन का।। हरपल प्यारा सबका न्यारा। लेकर खुशियों की यह धारा।।…
कैकेई का त्याग- विधाता छंद गीत -रामकिशोर पाठक
कैकेई का त्याग- विधाता छंद गीत जगत कल्याण के कारण, किया विष पान त्रिपुरारी। पुनः दुनिया बचाने को, किया है त्याग हित नारी।। निभायी राष्ट्र से नाता, लुटायी स्वप्न थी…