शिक्षक को सम्मान चाहिए – विवेक कुमार

राही को जो राह दिखाए, गिरते को ऊपर उठाए, कच्ची मिट्टी से घड़े बनाए, धार उनकी कुंद बनाए, अपनी बिना परवाह किए, छात्रों का भविष्य बनाए, मुसीबत आने पर भी,…

शिक्षक – रूचिका राय

अनगढ़ माटी का गढ़ आकार देते है, शिक्षक है मुश्किलों से उबार देते है उनसे ही सीखा है जीवन कैसे चलायें, वह हौसलों का हमे औजार देते है। वह पथप्रदर्शक…

रक्षा-बंधन – रत्ना प्रिया

रेशम की डोरी में गुंफित, भाई-बहन का प्यार | श्रावण लेकर आया पावन, राखी का त्यौहार || नारी माँ, भगिनी, पुत्री है, संस्कृति का श्रृंगार है, शील, क्षमा, ममता करूणा…

रक्षाबंधन का संकल्प – विवेक कुमार

प्रेम और विश्वास का प्रतीक, स्नेह और दुलार बड़ा ही नीक, अदभुत अनोखा अटूट बंधन, मस्तक पर धारित तिल चंदन, जैसे आकाश और गगन, वैसे भाई और बहन, जैसे धूप…

गुरु भगवान – जैनेन्द्र प्रसाद रवि

मृत भुवन में मैं था कब से भटक रहा, जीवन बदल गया जब पाया गुरु ज्ञान। रोज कुछ छाँटकर, प्यार पुष्प बाँटकर, सब की ख्याल रखते मान अपनी संतान। माता…