देश भाल की मैं बिन्दी हूँ – मनु रमण “चेतना”

सुन लो बच्चों! मैं हिन्दी हूँ, देश-भाल की मैं बिन्दी हूँ । जीवन की नव परिभाषा हूँ, अपनेपन की जिज्ञासा हूँ। बँगला, गुर्जर या सिन्धी हूँ, देश-भाल की मैं बिन्दी…

हां, नारी हूं मैं – सुमन सौरभ

हां, नारी हूं मैं ना समझो मुझे तुम अबला, ना बेचारी हूं मैं, ममतामयी खुद्दार साहसी, सम्मान की अधिकारी हूं मैं। हां, नारी हूं मैं……. संभाली हूं हर ज़िम्मेदारी, ना…

संस्कृति का हर राज – एस.के.पूनम

मेहमान यहाँ आए, भारत गरिमामय, संसार ने देख लिया संस्कृति का हर राज। अनोखा है मंडपम, संगम अतिथियों का, दिप्तमान आवारण बजते मधुर साज। पकवान सजी थाल, पहुना मोहित देख,…

G -20 सम्मेलन – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

“बीस देश” समूह का सफल आयोजन से, दुनिया ने दम देखा आधुनिक भारत का। दुनिया के नेताओं ने- चखा मेहमानबाजी, भारत मंडपम में, नवीन इमारत का। आज हमारे देश का…

कृष्ण कन्हैया – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

भक्तों की पुकार सुन धरा-धाम पर आए, देवकी के पुत्र बन मेरे कृष्ण कन्हैया। दधी भी खिलाती रोज, लोरियाँ सुनती कभी, पालना झूलती तुझे, नित्य यशोदा मैया। यमुना के तट…

कलयुगी लाल – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

बुढ़ापे की सहारा हेतु बहुत ही जतन से, संतान को बड़ा करें, लोग यहाँ पोस-पाल। जब रोजगार मिले, जीवन में कली खिले, बाहर जा बस जाता, अलग गलाता दाल। माता-पिता…

कृष्ण गीता का ज्ञान है – नरेश कुमार निराला

कृष्ण गीता का सार है, कृष्ण कंस का संहार है। कृष्ण प्रचंड भद्र काल है, कृष्ण देवकी-यशोदा के लाल है।। कृष्ण जीवन का सार है, कृष्ण मधुरता की रसधार है।…

जग के पालनहार – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

जगत कल्याण हेतु- देवकी के घर आए, भाद्रपद अर्ध रात्रि, कृष्ण लिए अवतार। गोपियों के प्रेम वश- माखन चुराते रोज, यशोदा के पुत्र बने जग के पालनहार। लाज को बचाने…

नारायण करें काज – एस.के.पूनम

अंधकार कारावास, अनहोनी का आभास, तड़ित चमके नभ,नारायण करें काज। धरा ललायित सदा, प्रभु चरण चूम लूँ, समय के प्रवाह में,शीशु पग पड़े आज। ईश्वर की लीला देख, यमुना उफान…

शिक्षक दिवस – हर्ष नारायण दास

शिक्षक नहीं है सामान्य व्यक्ति, वह तो शिल्पकार होता है। गीली मिट्टी को सँवारने वाला कुम्भकार होता है।। उसने ही श्रीराम गढ़े हैं, वह ही श्रीकृष्ण निर्माता। वह ही समर्थ…