नर्स धरा पर आई, बहन का नाम पाई, सेवा भाव साथ लाई,वही अभिमान है। छुआछूत दूर रहे, दीन-दुखी प्रिय कहे, भेदभाव करें नहीं,दीदी तो महान है। चिंतन करती रहें, दुख…
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Through Padyapankaj, Teachers Of Bihar give you the chance to read and understand the poems and padya of Hindi literature. In addition, you can appreciate different tastes of poetry, including veer, Prem, Raudra, Karuna, etc.
नर्स – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
विश्व नर्स दिवस पर विशेष रात दिन जाग कर , एक पैर भाग कर, रोगियों की सेवा करें- बन देवदूत है। करतीं वो निज कर्म, समझ के सेवा धर्म, इनका…
लू की कहर से – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
बच्चों तुम स्कूल जाओ चाहे कोई काम पर कभी नहीं खाली पेट, निकलो तूं घर से। सुबह में काम करो घर पे आराम करो हमेशा बच के रहना लू की…
महाराणा प्रताप – नीतू रानी
” महाराणा प्रताप की खुद्दारी भारत माता की पूँजी है, ये वो धरती है जहांँ कभी चेतक की टापें गूँजी है।” आज है 09 मई का दिन आज़ के दिन…
मित्रता – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
द्वारिका में मिलने को, सुदामा जी आए जब, चरण पखारें श्याम, पानी ले परात में। मित्र कहो समाचार, पूछा जब बार-बार, अपनी गरीबी नहीं, कहा मुलाकात में। वस्त्र फटे ठांव-ठांव…
मनहरण घनाक्षरी – एस.के.पूनम
विछोह की पीड़ा सहे, नयन तो भींग रहे, हृदय संतप्त कर,संग छोड़ आए थे। तप्त धरा पग बिंध, सजल अँखियाँ सिंधु सखा को संदेश भेज,मन भाव गाए थे। आँखियों में…
मां और धूप – मनु कुमारी
मां और धूप ये तपती धूप, याद दिलाती है मुझे, मेरे बचपन की। मेरी मां कभी -कभी नंगे पांव दौड़कर आती थी मेरे विद्यालय और शिक्षक से कहती _ मास्टर…
अनजान रिश्ते- नीतू रानी
अनजान रिश्ते जल्द रिश्तों में बदल गए, न कभी देखा न कभी जाना हाय दैया रिश्ते में मेरे पति बन गए। स्कूल में बैठी थी कुर्सी पर सुन रही थी…
वे मुस्काते फूल नहीं – मनीष कुमार शशि
वे मुस्काते फूल, नहीं जिनको आता है मुर्झाना, वे तारों के दीप, नहीं जिनको भाता है बुझ जाना; वे नीलम के मेघ, नहीं जिनको है घुल जाने की चाह वह…
माँ का आंचल – रत्ना प्रिया
चाहता हूँ मैं रोज मुझे माँ ,लोरी गा के सुनाए | माँ की लोरी , माँ का आंचल , माँ की बातें भाए || अबोध शिशु की रक्षा को ,…