गगन मस्तक पर ना ओश की बूंदे। ” घटा की गर्जना ना करे पुकार ” मेंढक झुंझुर सब बिछुप्त पड़ गये ,सावन बन गए जेठ आषाढ़।। अब की महंगाई बना…
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Through Padyapankaj, Teachers Of Bihar give you the chance to read and understand the poems and padya of Hindi literature. In addition, you can appreciate different tastes of poetry, including veer, Prem, Raudra, Karuna, etc.
सरदार किसान- विनय विश्वा
किसान हमारे भगवान जो रिरियाये गाए एक कंठ आवाज लगाए बहरी सत्ता ना सुन पाए। खाए उनकी दाल-रोटी उनके सपनों को करके बोटी-बोटी। एक “सरदार” की आन पड़ी है उस…
भाई-बहन -संजय कुमार
प्यारी बहना सदा खुश रहना ये दुआ है मेरी, खुशियाँ हर पल चूमे कदम तेरी ये दुआ है मेरी। बहना तेरे रूप की आभा फीकी कभी न,हो कभी कम, आत्मविश्वास…
जीवन धारा – मनोज कुमार
वृक्षों की पत्ती जब धरा पर गिरती है, जीवन की धारा को यूँ कहां छोड़ती है। सूर्य की प्रभा से चमकती-दमकती है, बन ठन कर मानों वह इठलाती है। वायु…
काल-खण्ड – एस.के.पूनम
संसार में समय एक सा रहता नहीं है सदा, आज जहाँ उत्सव- काल है कल वहाँ शोकाकुल होगा, आज जहाँ सद्भावनाओं का कीर्ति स्तम्भ है, कल वहाँ अपयशों का बाजार…
रिश्ते – धीरज कुमार
हर किसी से सीधा रिश्ता किसी का जुड़ा है नही। हर किसी के लिए सीधे जुड़ कर रिश्ते बनाते हैं नहीं । कुछ रिश्ते कब ,कैसे और कहां बनेंगे ये…
मेरी दिवाली – संजय कुमार
दूर खड़ा मुस्कान लिए वह फुलझड़ियों की दुकानों पे छोटी सी अंजुलि में उसको कुछ सिक्के गिनते देखा था गहरी उसकी आँख में मैने खुशियाँ मरते देखा था एक गरीब…
दीप जले – अशोक कुमार
दीप जले दीप जले, घर आंगन दीप जले| चारों तरफ खुशियां है छाई, दीपों का त्योहार आई|| वीर सपूतों के याद मे, घर-घर दीप जलाएं| स्कूल हो या घर हो,…
आओ मन का अंधकार मिटाए – संजय कुमार
आओ मन का अंधकार मिटाए, प्रेम भाव का एक दीप जलाएं। कद्र करें सबकी भावनाओं का, वैर और आपसी रंजिश मिटाए। आओ मन का अंधकार मिटाए, प्रेम भाव का एक…
लावणी छंद – सुधीर कुमार
मात्रा — ३० यति – १६,१४ —————– मन के अंदर दीप जला लो , आओ आज दिवाली में । खुशियों से मन को महका लो , आओ आज दिवाली में…