हिंदी मधुरिम सरगम है -एम० एस० हुसैन

भाषा की डोरी थामकर चलना सिखाया हिंदी ने भेदभाव को भूलकर है सबको अपनाया हिंदी ने अपनी मधुरता में है सब को नहलाया हिंदी ने हिन्दी के सभी शब्द हैं…

मेरी मां का प्यार

प्रेम वात्सल्य की मिशाल, मेरी मां है सबसे कमाल, मुझे गर्व है कि मैं हूं उनका लाल, ममता की प्रतिमूर्ति है वो बेमिशाल, करुणा बरसाती, अपने ही लाल, नाजों से…

होली-गिरिधर कुमार

होली आई है सच में फिर अबकी बार, फिर सजायेंगे हम रंगों की बारात, खुद के कूचे से बनायेंगे, रंगों में डूबे हंसते चेहरे, कुछ मेरी तरह, कुछ तुम्हारी तरह,…

एक श्रद्धांजलि-गिरिधर कुमार

जिनसे सीखे सपने बुनने जिनसे गुनगुनाना सीखा, अलविदा लता आपसे हमने जिंदगी को आजमाना सीखा। सीखा हमने मुहब्बत की लौ कैसे दिल में मचलती है, कैसे कोई अमन की खुशबू…

एक कविता,स्वयं के लिए

एक कविता,स्वयं के लिए कुछ सच बताऊं,इससे पहले एक शपथ लेता हूँ आपसे, आप इसे भूलेंगे नहीं, मेरे साथ मेरे गम में डूबेंगे नहीं। मैंने खुली छूट दे रखी है…