देखता हूँ गौर से क्षितिज के पास लेकिन सम्मुख सा सभी कुछ के साथ स्वयं की प्रतीति ऊहापोह और विश्रांतता दोनों ही! यह तो अपना ही चेहरा है! यह तो…
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Through Padyapankaj, Teachers Of Bihar give you the chance to read and understand the poems and padya of Hindi literature. In addition, you can appreciate different tastes of poetry, including veer, Prem, Raudra, Karuna, etc.
भागेगा कोरोना-गिरिधर कुमार
भागेगा कोरोना! अगर ठान लो, मन्त्र यह तुम अगर जान लो। यह कोई बड़ी बात नहीं, तुम भी कर सकते हो, कोरोना से, मेरे भाई, तुम भी लड़ सकते हो।…
कोरोना को भगाना है-रूचिका
कोरोना को भगाना है कोरोना को भगाना है, टीका जरूर लगवाना है। न मन में कोई डर हो, न कोई संशय भय हो, स्वस्थ और सुरक्षित भारत के निर्माण में…
शिक्षा शिक्षा और शिक्षा-गिरिधर कुमार
बड़ी भीड़ है स्कूलों में, शिक्षण संस्थानों में कोचिंग में ट्यूशन में नये नये अखाड़ों में! बस पास करनी है परीक्षा डिग्री का जुगाड़ कुछ कहीं बस नौकरी लग…
क्यों हम भूल जाते हैं-भोला प्रसाद शर्मा
क्यों हम भूल जाते हैं क्यों हम भूल जाते हैं ? जब हम माँ के गर्भ में होते हैं मुझे बहुत सुखों की अनुभूति होती है कुछ ही दिनों में…
राखी-गिरिधर कुमार
स्नेहसिक्त प्रेम अमोल यह बन्धन प्यारा बस अनमोल भीगी आंखें हैं बहना की भाई मूक विह्वल है यह पावन पुनीत पूजा है इस रिश्ते से धरती धवल है इस युग…
रक्षाबंधन-भोला प्रसाद शर्मा
रक्षाबंधन यह अनुपम त्योहार जो आया चहु ओर खुशियाँ है छाया बहन प्यार से थाल सजाया कुमकुम का भी तिलक लगाया है भाई बहन का प्यार अनोखा है सावन के…
मानसून–शुकदेव पाठक
मानसून बच्चों, आओ हम जानें मानसून के बारे में हिंद तथा अरब सागर की ओर से जो हवाएं आती भारत के दक्षिण पश्चिम तट से टकराती, वर्षा कराती है…
आओ सीखें-गिरिधर कुमार
आओ सीखें प्यार जताना मिलकर चलना मिलकर रहना आओ सीखें तूफानों में कैसे चलना कैसे लड़ना भरी हुई दरिया में कश्ती कैसे पार लगेगी बोलो आओ सीखें इस मौके पर…
पिता-भोला प्रसाद शर्मा
पिता पिता जैसा कोई वरदान नहीं पिता जैसा कोई महान नहीं पिता हम आपकी निन्दिया है चमकाती माँ की बिन्दिया है पिता हँसता हुआ फूल है रक्षा कवच बना त्रिशूल…