लक्ष्य लक्ष्य जीवन का सदा एक बनाइये, अपने लक्ष्य की पूर्ति में जुट जाइये। मेहनत कभी जाया नही जाता बच्चों, मेहनत को ही अपनी आदत बनाइये। रोज के अभ्यास से…
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Through Padyapankaj, Teachers Of Bihar give you the chance to read and understand the poems and padya of Hindi literature. In addition, you can appreciate different tastes of poetry, including veer, Prem, Raudra, Karuna, etc.
खामोशी अतीव वाचाल- अर्चना गुप्ता
खामोशी अतीव वाचाल देख अवनि की गमगीन -सी सूरत खामोशी आज हुई अतीव वाचाल धुआँ- धुआँ सी है बनी जिन्दगी जाने किस घड़ी हो किसका काल भयाक्रांत मनुज क्षण-क्षण…
आदर्श-विजय सिंह नीलकण्ठ
आदर्श सुनने में लगता सरल लेकिन रहता काफी विरल पर जिसके पीछे लग जाए बना दे उसे निर्मल। गाँव शहर व विद्यालय मानव के पीछे भी लगते चर्चाएँ होने लगती…
संरक्षण-विजय सिंह नीलकण्ठ
संरक्षण माता के संरक्षण में छोटे बच्चे पलते हैं तो पिताजी के संरक्षण में बच्चे अनुशासित बनते हैं। शिक्षक गण के संरक्षण में शिक्षा की ज्योति जलाते हैं फिर गुरुजी…
बाल मजदूर विरोध-अश्मजा प्रियदर्शिनी
बाल मजदूर विरोध अपने बचपन को खोता कितना वह लाचार मलिन सी काया, दुर्बल छवि, जीर्ण-शीर्ण आकार अत्यंत आवश्यक प्यासे को पानी भूखे को आहार मांसाहार नहीं, उसे भोजन मिल…
बचपन का वो जमाना-एम एस हुसैन
बचपन का वो जमाना आता है याद मुझको बचपन का वो ज़माना । कॉपी किताब लेकर घर से स्कूल जाना ।। उस वक्त की शोखियाँ भी थी अजब निराली ।…
जनसंख्या-अश्मजा प्रियदर्शिनी
जनसंख्या एक अरब सैतिश करोड़ की जनसंख्या वाला है हमारा नेशन 17.64 के दर से बढ रहा पोपूलेशन दिन दूनी, रात चौगुनी विकट हो रहा सिचुएशन वर्तमान दृश्य ऐसा है…
वृक्ष है संजीवनी-अश्मजा प्रियदर्शिनी
वृक्ष है संजीवनी वृक्ष है संजीवनी हमारी वसुंधरा की हैं शान धरती को स्वर्ग बनाते, जैसे ईश्वर का वरदान प्राणवायु देते भरते हर जीव-जन्तु में जान वृक्षों की शाखाओं पर…
धरती माँ-सूर्य प्रकाश
धरती माँ धरती माँ है बड़ी महान, सबको मानती अपनी संतान I कष्ट हजारों सहती है, हमसे कुछ ना कहती हैं। लालन पालन करती है माँ, पेट हमारा भरती है…
मोक्ष की प्रतिक्षा-अवनीश कुमार
मोक्ष की प्रतीक्षा थक जाता जब मानव का तन मन ईश्वर से मोक्ष दिलाने को करता नमन लेकिन आत्मा है उसे पुकारती, उसे धिक्कारती क्या चलने के पहले कुछ…