सबल समर्थ जीवंत बिहार के शिल्पकार हैं टीचर्स ऑफ बिहार मुश्किलों से हर कदम ठानते हैं रार विकट परिस्थितियों से मानते नहीं हार नवसृजन के गीत गाते कल के सृजनहार…
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Through Padyapankaj, Teachers Of Bihar give you the chance to read and understand the poems and padya of Hindi literature. In addition, you can appreciate different tastes of poetry, including veer, Prem, Raudra, Karuna, etc.
दोहावली – देव कांत मिश्र ‘दिव्य’
राम नाम रटते रहो, लेकर मन विश्वास। प्रभु तो दीनदयाल हैं, रखो दया की आस।। राम नाम सुखधाम है, राम नाम अभिराम। धर्म मार्ग चलते रहो, लेकर प्रभु का नाम।।…
दोहावली – देव कांत मिश्र ‘दिव्य’
उत्तरायणी पर्व का, हुआ सुखद आगाज। ढोल नगाड़े बज रहे, होंगे मंगल काज।। सूरज नित अभिराम है, जीवन का आधार। देव रूप पूजे सदा, सारा ही संसार।। बदल दिशा दिनकर…
मुक्तक – देव कांत मिश्र ‘दिव्य’
हमारे देश की हिंदी, सुशोभित सौम्य-सी लगती। यही है भाल की बिंदी, बड़े ही गर्व से सजती।। मधुर रस भाव अनुरंजित, बनी हर कंठ की भाषा, बसे मन भावना ऐसी,…
बैलगाड़ी हाँकते – एस.के.पूनम
विधा:-मनहरण घनाक्षरी कड़कड़ाती ठंड है, प्रकाश की तलाश है, सूरज की प्रतीक्षा में,प्राची दिशा झाँकते। पक्षियों का कलरव, शबनम चमकती, कोहरे का पहरा है,बैठ आग सेकते। अन्नादाता खेत पर, फलियां…
जीवन का आधार – जैनेन्द्र प्रसाद रवि
धर्म बिना नर ऐसे जैसे अश्व रास बिना, लोगों के जीवन का धर्म ही आधार है। जीवन सफर में जो सच्चा गुरु मिल जाएंँ, तेरे भवसागर का होगा बेड़ा पार…
ठंड का प्रकोप- जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
पशु पक्षी सरीसर्प बैठे हैं दुबक कर, आज आधा भारत है शीत की आगोश में। कड़ाके की ठंडक से हाथ पैर जम रहा, हिम नर बनाने को प्रकृति है रोश…
प्रेम उपहार-जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
मनहरण घनाक्षरी छंद सबकी बनाए भाल चौबीस का नया साल, साथियों के लिए लाए, खुशियां अपार है। आप सभी छोटे बड़े रहते हैं साथ खड़े, आपकी दुआएं हमें, दिल से…
किताब मेरा साथी – अभिनव कुमार
किसी ने कहा, तू मौन हो गया है । आजकल अपने आप में गौण हो गया है।। लगता है तेरे दोस्त, तुझे छोड़ दिए। तुमसे बातें करने वाले मुख मोड़…
The Power of Maths – Ashish K Pathak
The Power 💪of Maths How many seconds in an hour? and how many in a day? What size are the planets? and our Earth is at which number? How far…