टीचर्स ऑफ बिहार – मीरा सिंह “मीरा

सबल समर्थ जीवंत बिहार के शिल्पकार हैं टीचर्स ऑफ बिहार मुश्किलों से हर कदम ठानते हैं रार विकट परिस्थितियों से मानते नहीं हार नवसृजन के गीत गाते कल के सृजनहार…

दोहावली – देव कांत मिश्र ‘दिव्य’

राम नाम रटते रहो, लेकर मन विश्वास। प्रभु तो दीनदयाल हैं, रखो दया की आस।। राम नाम सुखधाम है, राम नाम अभिराम। धर्म मार्ग चलते रहो, लेकर प्रभु का नाम।।…

दोहावली – देव कांत मिश्र ‘दिव्य’

उत्तरायणी पर्व का, हुआ सुखद आगाज। ढोल नगाड़े बज रहे, होंगे मंगल काज।। सूरज नित अभिराम है, जीवन का आधार। देव रूप पूजे सदा, सारा ही संसार।। बदल दिशा दिनकर…

बैलगाड़ी हाँकते – एस.के.पूनम

विधा:-मनहरण घनाक्षरी कड़कड़ाती ठंड है, प्रकाश की तलाश है, सूरज की प्रतीक्षा में,प्राची दिशा झाँकते। पक्षियों का कलरव, शबनम चमकती, कोहरे का पहरा है,बैठ आग सेकते। अन्नादाता खेत पर, फलियां…

प्रेम उपहार-जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

मनहरण घनाक्षरी छंद सबकी बनाए भाल चौबीस का नया साल, साथियों के लिए लाए, खुशियां अपार है। आप सभी छोटे बड़े रहते हैं साथ खड़े, आपकी दुआएं हमें, दिल से…