आलस्य से मुंह मोड़ो- जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

पक्षियों ने छेड़े राग, प्यारे बच्चों जाओ जाग, भोर की सुहानी बेला, स्वच्छ आसमान है। अब तो विस्तर छोड़ो, आलस से मुंह मोडो, आराम है बड़ा रोग, कहता किसान है।…

दोस्ती – दीपा वर्मा

दोस्ती कोई स्वार्थ नही , एक विश्वास होती है..। एहसास से बना एक रिश्ता , जो बहुत खास होती है। लाखो मे कुछ खुशनसीब होते है, जिनहे सच्ची दोस्ती नसीब…

माँ की ममता- जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

अपनी ममता की छाँव देकर तुमको गले लगाऊँ मैं। तुम हो मेरे कृष्ण-कन्हैया तुमको पाकर इठलाऊँ मैं।। रौशन तुमसे चाँद सितारे तुम मेरे आँखों के तारे, मेरी आँखों की नींद…

बेटियाँ जरूरी होती हैं – रूचिका

धरा की खूबसूरती और बढ़ाने के लिए, रिश्तों को प्रेम रंग में सजाने के लिए, बेटी,बहन,पत्नी,प्रेमिका मॉं ,फुआ, रिश्तों के अनेक रूपों में भावों को सदा ही दिखाने के लिए,…

हिंदी मेरी जान-विवेक कुमार

अभिव्यक्ति का माध्यम है हिन्दी, दिल में प्रेम जगाती हिंदी, जीवन सरस बनाती हिंदी, हिंदी से ही है हमारी शान, हिंदी ही हमारा अभिमान, हिंदी मेरी जान, हम इसपर कुर्बान।…

हृदयवासिनी-गौतम भारती

हृदयवासिनी सजग नयन की नूर लिये सीरत सहज प्रवासिनी। आ पड़ी अधिवास को अक्षुण्ण अधिकार, प्रकाशिनि।। चमक उठी वो सूरत जो वर्षों पड़ी थी मौन। चेहरे की खुशियां देखो दुःख…