प्रकाश पर्व चलो एक ऐसा दीप जलाएं मन के घने दुर्गुण तमस को सत्य के प्रकाश से जगमगाए आओ एक ऐसा दीप जलाएं…. करें ईर्ष्या, द्वेष, स्वार्थ की सफ़ाई मन…
Category: sandeshparak
Sandeshparak poems are poems that are used to convey a message with feelings. Through poems, statements related to the country, the world, and society are transmitted to the people. Teachers of Bihar give an important message through the Sandeshparak of Padyapankaj.
मिट्टी का दीया-विवेक कुमार
मिट्टी का दीया अरमानों की साज सजा लो, हर घर को तुम सजा धजा लो, अपने मन मंदिर में एक दीप जला लो, सुकून का एक ज्योत जगा लो, धैर्य…
विदा होते पल-सुरेश कुमार गौरव
विदा होते पल विदा होते पल, हमेशा करता जाता समय का छल! न लौट पाने की आशा और न छू पाने के वे कल!! खट्ठी-मीठी, भूली-बिसरी, यादों के वे सुनहरे…
सबसे बड़ा उत्सव-अशोक कुमार
सबसे बड़ा उत्सव कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी है आई, हर सुहागन अपने पति की लंबी उम्र की करती है दुहाई। शुभ दिन चंद्रोदय व्यापिनी चतुर्थी है आई,…
मन का अँधेरा दूर करो-रूचिका
मन का अँधेरा दूर करो घर के मुंडेरे पर उजियारा फैला लिया, चलो मन का अँधेरा दूर करो। अज्ञानता का तिमिर जो मन में है जला, ऊँच नीच का कलुषित…
जिन्दगी से दोस्ती-मनु रमण
जिन्दगी से दोस्ती मानव जीवन है बड़ा अनमोल, इसकी महत्ता को समझ लीजिये। परमात्मा का दिया हुआ यह अनुपम वरदान, इसका सदुपयोग किया कीजिये । कब तलक रहेंगे यहाँ, है…
रोको मत टोको मत-गिरिधर कुमार
रोको मत! टोको मत! यहां खुद ही चढ़नी पड़ती हैं सारी सीढियाँ… कोई क्यों बोले कुछ, कोई क्यों टोके कुछ, मैं कहता हूँ हजार बार की महज तमाशों का कितना…
चलो पेड़ लगाएं-बीनू मिश्रा
चलो पेड़ लगाएं आओ चलें हमसब पेड़ लगाएं पेड़ लगाकर पर्यावरण बचाएं आओ हमसब कर लें यह प्रण तभी संभव है हमारा कल्याण अगर पेड़ तुम काटोगे तो ग्लोबल वार्मिंग…
तेरा न कि मेरा-भोला प्रसाद शर्मा
तेरा न कि मेरा यह सूरज भी तेरा है न कि मेरा है अगर होता यह मेरा तो दुनियाँ होती रैन बसेरा जब-जब जी मेरा है चाहता तब-तब मैं साँझ…
राष्ट्रनेता-अश्मजा प्रियदर्शिनी
राष्ट्रनेता रक्त से लिखी गई गाथा जिनकी, बल-बलिदान अहिंसा बने आदर्श। राष्ट्र के प्रति सहज विश्वास के प्रतीक उस श्रद्धा समर्पित राष्ट्रनेता को, वन्दन है बारंबार। जिनके पाथेय, आदर्श सुना…